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कश्मीरी पंडितों के हत्यारे यसीन मलिक को हुई उम्रकैद, फांसी से बचने पर अपने वकिल को लगाया गले, सजा की खबर बाहर आते ही इस्लामाबाद माहौल खराब करने में जुटा, कश्मीर के कई इलाकों में झड़प होने की रिपोर्ट आई सामने – विजयशंकर दूबे/राजेंद्र दूबे


पुलिस हिरासत में यसीन मलिक (फाईल फोटो)

श्रीनगर/नई दिल्ली। कश्मीरी पंडितों एवं एअरफोर्स के जवानों की हत्या करने वाला अलगाववादी नेता यासीन मलिक को पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग केस में उम्रकैद की सजा सुनाई है। बता दे कि यासीन को NIA कोर्ट पहले ही दोषी करार दे चुका था। बताया जा रहा है कि यासीन को दो मामलों में उम्रकैद,10 मामलों में 10 साल की जेल और 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। ये सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

बताते चले कि 90 के दशक से पाकिस्तान के शह पर घाटी में लगातार आतंकी हमलों लिप्त यसीन मलिक को फांसी या अन्य सजा से बचाने के लिए इस्लामाबाद लगातार सक्रिय था,वहीं फांसी की सजा से बचते हुए उम्रकैद की सजा सुनने के बाद यासीन मलिक ने अपने वकील एपी सिंह को गले लगा लिया,चूंकि सजा सुनाने से से पहले पटियाला हाउस कोर्ट की सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी। वहीं, श्रीनगर के कई बाजार बंद हो गए और वहां भारी फोर्स तैनात है। सुरक्षा के लिहाज से श्रीनगर और आसपास के इलाकों में मोबाइल और इंटरनेट सर्विस बैन कर दी गई है। जहां सजा तय होने की खबर बाहर आते ही कश्मीर के कई इलाकों में पत्थरबाजी व झड़प होने की रिपोर्ट सामने आई है। उधर,पाकिस्तान कश्मीर में माहौल खराब करने की नियत से लगातार उकसावें वाली हरकतों को अंजाम देने में जुटा है,बताया जा रहा है कि पाकिस्तान के कई लोग लगातार भढ़काऊं पोस्ट कर रहे हैं।

दरअसल,सजा होने से पहले NIA ने यासीन के लिए फांसी की मांग की, तो वहीं यासीन के वकील की तरफ से उसके लिए उम्रकैद की मांग की गई,चूंकि 19 मई की सुनवाई के दौरान यासीन अपने गुनाह कबूल कर चुका था। और वह कोर्ट के फैसले के खिलाफ किसी भी तरह का चैलेंज करने से पहले ही इंकार कर दिया था। इस दौरान यसीन ने कोर्ट को बताया कि वह वर्ष 1994 से ही अहिंसक आंदोलन करता रहा,और उसके बाद उसके द्वारा किसी भी आतंकी हरकत की रिपोर्ट यदि देश की इंटेलीजेंस ऐजेंसी बताती है तो वह खुद से फांसी पर चढ़ने के लिए तैयार है। यही नहीं उसने आगे भी कहा कि वह भारत के 7 प्रधानमंत्रीयों के संपर्क में था और उनके साथ मिलकर बहुत काम भी किया है। वहीं कोर्ट में NIA के स्पेशल जज प्रवीण सिंह ने कहा कि एनालिसिस से पता चलता है कि गवाहों के बयान और सुबूतों से लगभग सभी आरोपियों का एक-दूसरे से संपर्क और पाकिस्तानी फंडिंग साबित हुई है। गौरतलब है कि यसीन मलिक वर्ष 2019 से ही दिल्ली की तिहाड़ जेल में केद है।

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