एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

जंग के फ्रंट पर दुश्मन को नेस्तनाबूद करने के लिए ताइवानी फोर्स ने की जबरदस्त तैयारी, ऐसे में चीन पर भारी पड़ सकता है ताइवान – सतीश उपाध्याय/अमरनाथ यादव


सांकेतिक तस्वीर।

बीजिंग/ताइपे। चीन-ताइवान के बीच जारी भीषण तनातनी के दौरान एक तरफ जहां चीनी सेना “लाइव फायरिंग” के तहत आर्मी ड्रिल कर रही है तो वही दूसरी तरफ दुश्मन को वार फ्रंट पर जबरदस्त काउंटर करने के लिए ताइवानी फोर्स भी कमर कस चुकी है। ऐसे में ताइवानी फोर्स भी ड्रिल आॅपरेशन में जुट चुकी है। दरअसल,ताइवान के आसपास चीन के युद्धपोत,फाइटर जेट्स और रीफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट्स ने संयुक्त नेवल और एरियल युद्धाभ्यास कर रहे है और ये संयुक्त युद्धाभ्यास दक्षिण-पश्चिम में स्थित ADIZ में किया जा रहा है। तो वही,ताइवान भी अपने फाइटर जेट्स और युद्धपोतों के जरिए लगातार दुश्मन पर नजर रख रहा है।

दरअसल,ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है कि 6 अगस्त 2022 को ताइवान की खाड़ी में दक्षिण-पश्चिम स्थित ADIZ में चीन के 10 सुखोई-30, चार J-16, चार J-11 फाइटर जेट्स शामिल थे। इसके अलावा एक Y-8 ASW निगरानी विमान और एक Y-20 हवाई रीफ्यूलिंग एयरक्राफ्ट शामिल है। यही नहीं ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इन चीनी विमानों के फ्लाइट मार्ग को भी बताया है।

इस दौरान,ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने चीन के फाइटर जेट्स और युद्धपोतों को रेडियो चेतावनी दी। इसके बाद अपनी मिसाइल डिफेंस सिस्टम को अलर्ट मोड पर डाल दिया। इसके अलावा चीन की सभी गतिविधियों पर सीधे नजर रखी जा रही है। ताइवान के नौसेना के PFG-1206 यानी Di Hua युद्धपोत खाड़ी क्षेत्र में इन पर नजर रख रही है। ताइवानी नौसेना के ऐसे कई जंगी जहाज पूरी तैयारी के साथ अपने देश के चारों तरफ लगातार निगरानी कर रहे हैं।

इतना नहीं,ताइवान ने यह भी कहा कि आज चीन के कई फाइटर जेट्स ने खाड़ी में मौजूद मध्य रेखा को पार किया है। ऐसा लग रहा है कि चीन ने HVA पर सिमुलेटेड हमला करने की प्रैक्टिस की है। ऐसे में ताइवानी सेना ने भी अलर्ट जारी कर दिया और चीनी फाइटर जेट्स को चेतावनी देते हुए उन्हें तत्काल वापस लौट जाने को कहा। और ताइवान ने जमीन पर मौजूद अपने मिसाइल सिस्टम को भी एक्टिव कर दिया है।

ऐसे में चीन भले ही ताइवान के आसपास कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल DF-15 से ड्रिल हमला कर रहा हो, लेकिन ताइवान भी कम नहीं है। उसके पास भी हवाई सुरक्षा के लिए कई हथियार हैं। जिसमें हॉवित्जर तोप,एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइलें,सरफेस टू एयर मिसाइलें शामिल हैं। ताइवान ने पैलेडिन हॉवित्जर,स्टिंगर मिसाइलें,हिमार्स आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम,सी स्पैरो मिसाइलें,चपारल सरफेस टू एयर मिसाइल, स्काई स्वॉर्ड,स्काई बो और साइडवेंडर जैसी मिसाइलों को भी तैनात कर रखा है।

वहीं,अमेरिका ने भी अपनी नौसेना के सबसे ताकतवर परमाणु जंगी जहाज यूएसएस रोनाल्ड रीगन को ताइवान के पास तैनात कर दिया है। जो कि इस बैटलशिप में युद्ध से संबंधित सभी विशेषताएं मौजूद है। चूंकि,यह निमित्ज क्लास का एयरक्राफ्ट करियर भी है,जिसका नाम द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूएस पैसिफिक फ्लीट कमांडल फ्लीट एडमिरल चेस्टर डब्ल्यू निमित्ज का नाम दिया गया है। इस विमानवाहक पोत पर 90 फाइटर जेट्स और अटैक हेलिकॉप्टर तैनात हो सकते हैं।

अब ऐसे में ताइवान ने चीन के खिलाफ संघर्ष की स्थिति आने पर अपनी गोरिल्ला टीम को तैयार रखा है। बताया जा रहा है कि ताइवान की स्पेशल फोर्सेस अपनी जमीन पर बेहद घातक होते हैं। उन्हें पता है कि कहां हमला करना है ? और कैसे करना है ? बता दे कि ताइवान के पास कई ऐसी फोर्सेस हैं जो एलीट कमांडों कैटेगरी की घातक टुकड़ियां जैसी हीं हैं। लेकिन इनमें सबसे खतरनाक है सी ड्रैगन फ्रॉगमेन,हालांकि मौजूदा स्थिति में चीन की अपेक्षा ताइवान बहुत कमजोर है लेकिन जंग के दौरान इस समय यूक्रेन में जो स्तिथि रूस की बनी हुई है ठीक उसी तरह से चीन को भी सबक सिखाने के लिए ताइवानी सैनिक तत्पर है।

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