सांकेतिक तस्वीर।
ताइपे/बीजिंग। चीन-ताइवान के बीच जारी भीषण तनातनी के दौरान ने एक बार फिर चीन ने बुधवार को ताइवान को लेकर खुली धमकी देते हुए एक श्वेत पत्र जारी किया है जिसमें ये बात कही गई कि वह स्व शासित द्वीप को अपने नियंत्रण लाने के लिए सैन्य बल के इस्तेमाल से पीछे नहीं हटेगा। बता दे कि इससे पहले चीन ने वर्ष 1993 के बाद से ताइवान को लेकर अपना कुल अब तक तीसरा श्वेत पत्र जारी कर चुका है। वहीं,वर्ष 2012 में राष्ट्रपति शी जिनपिंग के सत्ता में आने के बाद यह पहला श्वेत पत्र है।
दरअसल,क्षेत्र में बढ़ते तनाव के बीच,बुधवार को जारी ताइवान पर चीनी सरकार के ताजा नीति पत्र ने बीजिंग के सख्त रुख को दोहराया। हालांकि इसमें शांति के बारे में भी बात कही गई है। इस श्वेत-पत्र में यह भी कहा गया है, “हम शांतिपूर्ण पुन:मिलाप के लिए बड़ी जगह बनाने को तैयार है लेकिन हम किसी भी तरह से अलगाववादी गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं छोड़ेंगे।”
गौरतलब है कि चीन ने हाल ही में ताइवान के आसपास अपना अप्रत्याशित सैन्य अभ्यास किया था। चीन का सैन्य अभ्यास तय समय से ज्यादा दिनों तक जारी रहने की भी खबर है,दरअसल अमेरिकी स्पीकर नैंसी पेलोसी की ताइवान यात्रा से बेहद नाराज चीन ने यह अभ्यास शुरू किया था जो सात अगस्त को समाप्त होना था। लेकिन अब यह ड्रिल आगे तक के लिए बढ़ा दिया गया है। हालांकि दुश्मन वार फ्रंट पर नेस्तनाबूद करने के लिए ताइवानी सेना भी “लाइव फायर आर्टलरी” ड्रिल शुरू कर चुकी है। वहीं,अमेरिका भी ताइवान की मदद में अपना सातवां बेड़ा रवाना कर चुका है। जो कि चीनी सेना के ड्रिल एरिया से होकर ताइवान के सीमा में दाखिल होगा,ऐसे में तनाव और भी भढ़क सकता है। हालांकि, इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यह खुलासा कर दिया है कि चीनी सेना सिर्फ ड्रिल तक हीं सीमित रहेगी यानि हमले का खतरा नहीं है। उधर, ताइवान का मानना है कि चीन हमले की पूरी तैयारी पर है। फिलहाल, ताइवान की सुरक्षा में अमेरिका सहित दुनिया भर के तमाम सहयोगी देश ताइपे की रक्षा के लिए एक साथ खड़े दिखाई दे रहे हैं, अब ऐसे में चीन का अगला कदम क्या हो सकता है ? यह तो आने वाला वक्त हीं बता सकता है।