इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

नाटों के पूर्व चीफ रहे “गैरी” ने किया बड़ा खुलासा, कहा रूस के भीतर भी सुरक्षित नहीं है यूक्रेन के दुश्मन, पुतिन भी है हिट लिस्ट में – सतीश उपाध्याय/रविशंकर मिश्र


फाईल फोटो, साभार-(सोशल मीडिया)

मॉस्को/कीव। इस साल के बीते 24 फरवरी से रूस और यूक्रेन के बीच जबसे जंग शुरू हुई है। इसके बाद से ही रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कई करीबियों पर शामत आ गई। जहां इस दौरान पुतिन के कई करीबियों की हत्या भी हो चुकी है। वहीं,इस तरह के हत्याकांड को लेकर क्रेमलिन ने यूक्रेन को जिम्मेदार ठहराया। अभी हाल ही में पुतिन के बेहद करीबी व सहयोगी की बेटी और रूसी पत्रकार दारिया दुगिना की जिस तरह से एक बम विस्फोट के जरिये उसकी हत्या की गई, इसके बाद से ही रूसी ऐजेंसियों के कान खड़े हों गए। दरअसल,अभी तक तो जंग के फ्रंट पर ही रूसी फौज के टाप लेवल के कमांडर मारे जा रहे थे लेकिन अब रूस के भीतर जिस तरह से पुतिन को टारगेट किया जा रहा है, इससे साफ हो गया है कि रूस के भीतर यूक्रेन की ऐजेंसियां बेहद सक्रियता के साथ अपने मिशन को अंजाम देने में लगातार सफल दीख रही है। हालांकि,यूक्रेन इन दावों को खारिज कर चुका है। लेकिन नाटो के पूर्व चीफ गैरी टेबैक, जो अब कीव में रहते हैं, उनका का कहना है कि यूक्रेनी सेना रूसी कब्जे वाले इलाकों में क्रेमलिन के प्रति ‘आस्था’ रखने वालों को लगातार निशाना बना रही है।

बता दे कि एक आॅनलाइन मीडिया समूह से बातचीत के दौरान गैरी ने कहा कि जिन लोगों ने यूक्रेन को धोखा दिया, कुछ डेप्युटी या यूक्रेनी नेता,और स्वेच्छा से जाकर रूस के साथ मिल गए,वे यूक्रेन की टारगेट लिस्ट में शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन के पास अद्भुत क्षमता है। वे बहुत इनोवेटिव हैं और किसी को भी ट्रैक करने में माहिर हैं।

इस दौरान गैरी ने यह भी दावा किया कि यूक्रेन के पास उन टारगेट्स की एक ‘प्रियॉरिटी लिस्ट’ है जिन्हें वे सबसे पहले रास्ते से हटाना चाहते हैं और इस लिस्ट में सबसे टॉप पर पुतिन का भी नाम है। इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कहा कि पुतिन उस सूची में लंबे समय से टॉप पर हैं। यूक्रेन के स्पेशल ऑपरेशन का मकसद अधिक से अधिक क्षति पहुंचाना, बड़ी संख्या में लोगों को प्रभावित करना और रूस का समर्थन करने वालों में डर पैदा करना होगा। यूक्रेन चाहता है कि रूस समर्थक यह बात समझ लें कि अगर वे दुश्मन के लिए काम करेंगे तो उन्हें इसके बदले मरने के लिए तैयार रहना होगा।

वहीं, यूक्रेन में निप्रो वॉलंटियर बटालियन के कर्नल यूरी बेरेजा ने भी कहा कि गद्दारी करने वाले रूस में भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने संकेत दिया कि यूक्रेनी सीक्रेट एजेंसी पुतिन के करीबियों को बम धमाकों,आधी रात को हत्या या जहर के जरिए रास्ते से हटाने के लिए पूर्व की ओर बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि उनमें से सिर्फ कुछ ही लोग जीवित बच पाएंगे जिनका अंत यूक्रेन की जेलों में होगा और इसकी कोई संभावना नहीं है कि वे वापस रूस भागने में कामयाब होंगे। विशेषज्ञ दावा करते हैं कि छह महीने पहले शुरू हुए युद्ध के बाद ‘घर में भी’ पुतिन के दुश्मन बढ़ गए हैं जो रूसी राष्ट्रपति को सत्ता के शीर्ष से हटाना चाहते हैं।

दरअसल,इन दावों को विश्लेषण करने के पश्चात यह साफ हो जाता है कि यूक्रेन की ऐजेंसियां अब रूस के भीतर अपने टारगेट को मौत के घाट उतारने के लिए बेहद सक्रिय हो गई है और इस मिशन को अंजाम देने के लिए यूक्रेन फौज के बेहतरीन शूटर और यूक्रेनी महिलाओं को भी बेहतरीन ट्रेनिंग कराने के बाद रूस के भीतर भेजा जा रहा है। जहां वे अपने टारगेट पर पूरी निगरानी बनाये हुई है और जैसे ही मौका मिल रहा है, मिशन को अंजाम दे दे रही है। क्योंकि, हाल ही दारिया दुगिन की मौत के बाद रूसी ऐजेंसियों ने कहा था कि दुगिन की हत्या होने से पहले एक अज्ञात महिला जो कि संभवतः यूक्रेन की हो उसने दुगिन के बगल में एक फ्लैट बुक की थी और जिस दिन हत्या हुई उस दिन व महिला उस पार्टी में शामिल थी जिसमे कि दुगिन भी थी। ऐसे में यह साफ संकेत है कि रूस के भीतर यूक्रेन के टारगेट बहुत सुरक्षित नहीं हैं। अब यूक्रेन के इस हरकत को रोकने के लिए रूस प्रभावी रूप से क्या कदम उठा सकता है ? इस पर सवाल बरकरार है।

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