सांकेतिक तस्वीर।
बीजिंग/नई दिल्ली। भारत दुश्मन के साथ लद्दाख बार्डर पर तनाव के बीच अब हिंद महासागर में भी दुश्मन के साथ भारत भिढ़ने को तैयार हो रहा हैं। दरअसल,चीन ने सिंगापुर के साथ व्यापार को बंगाल की खाड़ी के रास्ते शुरू कर दिया है। यही नहीं चीन म्यांमार तक विशाल हाइवे बना रहा है जिससे उसे मलक्का स्ट्रेट की जरूरत नहीं रहेगी। इस दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि चीन म्यांमार में पनडुब्बियों का एक विशाल अड्डा बना रहा है। इतना नहीं चीन अपने दोस्त पाकिस्तान को भी घातक युद्धपोतों और पनडुब्बियों से लैस करने में जुटा है। दुश्मन के इस हरकत को देखकर भारतीय नौसेना भी अलर्ट मोड में आ गई है। जिस वजह से इंडियन नेवी देश के पश्चिमी तट पर हिंद महासागर में स्थित कारवार में एशिया का सबसे बड़ा नौसैनिक अड्डा बनाने में जुट गई है।
बताते चले कि दक्षिण सागर के बाद चीन हिंद महासागर पर नजर गड़ाये हुए हैं। इतना ही नहीं,चीन सोलोमन द्वीप और कई अन्य द्वीपीय देशों को मिलाकर उन्हें अपने पाले में लाने की कोशिश कर रहा है। यही नहीं चीन की नजरें बंगाल की खाड़ी और अरब सागर पर भी टिकी हुई हैं। चीन जहां म्यांमार के रास्ते बंगाल की खाड़ी तक अपनी पहुंच बना रहा है, वहीं उसकी योजना अरब सागर में फारस की खाड़ी और अदन की खाड़ी पर भी दबदबा बनाने की है। बता दे कि चीन किसी भी तरह से मलक्का स्ट्रेट के चोक प्वाइंट को खत्म करना चाहता है जहां भारतीय नौसेना और अमेरिका के सहयोगी देश मजबूत स्थिति में हैं। यही वजह है कि वह पाकिस्तान में सीपीईसी परियोजना को अंजाम दे रहा है। इसके तहत चीन के शिंजियांग प्रांत और पाकिस्तान के ग्वादर पोर्ट के बीच सीधे सड़क और रेल मार्ग बन रहा है।
वहीं,समुद्र में दुश्मन की हरकतों को ध्यान में रखकर भारत ने भी अपने पश्चिमी तट पर स्थित कारवार में एशिया का सबसे बड़ा नेवल बेस बना रहा है। भारत यह नेवल बेस मालदीव के पास है जहां चीन भी एक द्वीप पर अपना ठिकाना बना रहा है।
बताया जा रहा है कि भारत का यह कारवार नेवल बेस 11000 एकड़ के इलाके में फैला है। यह नेवल बेस युद्धपोतों को सहायता देने और उनके रखरखाव के लिए बनाया जा रहा है। इस नेवल बेस पर भारतीय विमानवाहक पोत, 30 युद्धपोत और सबमरीन तैनात किए जा सकेंगे। भारतीय विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत कारवार नेवल बेस पर तैनात रहेगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को इस नेवल बेस का दौरा करके उसके निर्माण कार्य की समीक्षा की। इस नेवल बेस पर एयरबेस भी बनाया जा रहा है ताकि यहां पर फाइटर जेट भी उतर सकें। पिछले दिनों हिंद महासागर में चीन के मौजूदगी का विस्तार करने के प्रयासों पर नौसेना प्रमुख ने कहा था कि चीन के ऊर्जा स्रोत, बाजार और संसाधन पश्चिम में स्थित हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि चीन हिंद महासागर क्षेत्र में आ गया है। नौसेना प्रमुख ने कहा कि भारतीय नौसेना चीन की गतिविधियों पर पैनी नजर रखने के लिए हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है।