एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

मिशन यूक्रेन और आॅपरेशन अल जवाहिरी में पाकिस्तान द्वारा किये गये सहयोग के लिए अमेरिका ने दिया उसे बड़ा ईनाम, फाइटेर जेट F-16 के लिए पाक को मिला 450 मिलियन डॉलर की बड़ी मदद – हेमंत सिंह/नित्यानंद


सांकेतिक तस्वीर।

इस्लामाबाद/वाशिंग्टन। रूस-यूक्रेन जंग के बीच पाकिस्तान को उसके वफादारी का ईनाम देते हुए अमेरिका ने आतंक से जंग के नाम पर चार साल से निलंबित 450 मिलियन डॉलर की F-16 फाइटेर एअरक्राफ्ट की डील को मंजूरी दे दिया,जो कि यह भारत के लिए सबसे बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है। बता दे कि इससे पहले तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस डील को निलंबित कर दिया था जो कि उस समय भारत की सबसे बड़ी डिप्लोमैटिक जीत बताई गई थी।

दरअसल,यूएस ने F-16 लड़ाकू जेट बेड़े के रखरखाव के लिए पाकिस्तान को 450 मिलियन अमेरिकी डॉलर (3600 करोड़ रुपये) की सहायता की मंजूरी दी है। बाइडेन प्रशासन ने ट्रंप प्रशासन के फैसले को पलटते हुए पाकिस्‍तान को F-16 फाइटर जेट के लिए 45 करोड़ डॉलर के उपकरणों की खरीद को मंजूरी दे दी है।

बताया जा रहा है कि अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को यह वित्तीय मदद इसलिए दी जा रही है ताकि वह वर्तमान और भविष्य में आतंकवाद रोधी खतरों से निपट सकें। पिछले चार सालों में इस्लामाबाद को दी जा रही यह सबसे बड़ी सुरक्षा सहायता है।

वहीं,अमेरिका के इस फैसले को लेकर कई धारणाएं है जिसमे अभी हाल ही में अलकायदा सरगना अयमान अल जवाहिरी पर अमेरिकी हमले के दौरान पाकिस्तान द्वारा इस आॅपरेशन में तमाम तरह की मदद किया जाना और रूस-यूक्रेन जंग के बीच ब्रिटिश प्लेन द्वारा यूक्रेन को लगातार गोला बारूद की सप्लाई भेजना। यही सब कारण है जिसकी वजह से ट्रंप के उस फैसले को पलटते हुए अमेरिका ने पाकिस्‍तान को यह तोहफा दिया है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने बताया कि उन्‍होंने पाकिस्तान को F-16 लड़ाकू विमानों के रखरखाव के लिए संभावित विदेश सैन्य बिक्री को मंजूरी देने का फैसला लिया है ताकि पाकिस्तानी वायु सेना को वर्तमान और भविष्य में आतंकवाद के खतरों से निपटने की क्षमता बनाए रखने में मदद मिल सके,हालांकि अमेरिका का यह फैसला भारत के लिए एक बड़ा झटका हैं वो भी तब जबकि भारत और अमेरिका दोस्ती का एक नया अध्याय रच रहे थे।

गौरतलब है कि साल 2018 में ट्रंप द्वारा पाकिस्तान को सभी रक्षा और सुरक्षा सहायता को रोकने की घोषणा करने के बाद पाकिस्तान को दी गई यह पहली बड़ी सुरक्षा सहायता है। चूंकि, ट्रंप प्रशासन ने 2018 में आतंकवादी संगठनों अफगान तालिबान तथा हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करने में नाकाम रहने पर पाकिस्तान को दी जाने वाली करीब दो अरब डॉलर वित्तीय सहायता तत्काल निलंबित कर दिया था,हालांकि ट्रंप के उस फैसले के पीछे एक और महत्वपूर्ण कारण था जो कि पुलवामा अटैक के बाद भारत के मिग 21 लड़ाकूं विमान को पाकिस्तान की एअरफोर्स ने अमेरिकी फाइटेर एअरक्राफ्ट F-15 से हिट किया था जिस वजह से ट्रंप भढ़क उठे और उन्होंने कहा था कि अमेरिका का यह जेट पाकिस्तान को आतंक के खिलाफ लड़ने के लिए दिया गया था न कि भारत के खिलाफ, जहां इसके बाद हीं ट्रंप ने उस सहायता को तत्काल रोक दिया जिसे उस समय भारत की बड़ी डिप्लोमैटिक जीत बताई गई थी।

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