सांकेतिक तस्वीर।
बगदाद/तेहरान। दुनिया के कई देशों जहां एक तरफ भीषण जंगी तनातनी जारी है तो वही दूसरी ओर ईरान द्वारा इराक में स्थित ईरानी कुर्दिश गुट के ठिकानों पर ड्रोन से हमला किये जाने की रिपोर्ट सामने आई है। इस हमले में अब तक 13 लोगों के मारे जाने की खबर भी है। इसके अलावा, ड्रोन हमले में घायलों की संख्या 30 से ज्यादा बताई जा रही है। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से ईरान में जारी हिंसक विरोध के पीछे कुर्दिश गुट का हाथ होने की वजह से ईरान ने इस हमले को अंजाम दिया है।
बताते चले कि एक ईरानी कुर्दिश महिला की मौत बीते 16 सितंबर को हुई और इसके अगले ही दिन से देशभर में विरोध शुरू हो गए। अमीनी को मोरेलिटी पुलिस ने हिरासत में लिया था और उस पर आरोप था कि उसने हिजाब को सही ढंग से नहीं लगाया था। परिजनों ने कहा कि अमीनी की पुलिस हिरासत में पिटाई की गई, जिसके चलते उसकी मौत हुई। चूंकि ईरान में हिजाब को लेकर पहले से ही कड़े नियम हैं।
वहीं, महासा अमीनी कुर्द के मौत के बाद अब कुर्दिश लोगों ने भी विरोध प्रदर्शनों को तेज कर दिया है। ऐसे में ईरान ने प्रदर्शनों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए ड्रोन हमला किया है।
गौरतलब है कि कुर्द मेसोपोटामिया के मैदानों और वहां मौजूद पहाड़ों में रहने वाले मूल लोगों में से एक हैं। ये इलाका आज दक्षिण-पूर्वी तुर्की, उत्तरपूर्वी सीरिया, उत्तरी इराक, उत्तर-पश्चिमी ईरान और दक्षिण-पश्चिमी आर्मेनिया तक फैला हुआ है। इन सभी देशों में कुर्द लोगों की आबादी रहती है।कुर्द लोगों की आबादी 2.5 करोड़ से 3.5 करोड़ के बीच बताई जाती है। इस तरह से ये मध्यपूर्व में चौथा सबसे बड़ा जातीय समूह है।