रुसी राष्ट्रपति पुतिन (फाईल फोटो)
मॉस्को/लंदन। जब लड़ाई होती है तो अक्सर कई बार देखा गया है कि फ्रंट के अलावा अन्य कई तरह के हथकंडों से भी परिणाम को अपने पाले में करने की कोशिश की जाती है, जिसमें अफवाहों और अन्य तमाम फर्जी दावें भी सामने आते हैं। कुछ यही स्थिति रूस-यूक्रेन जंग में चल रही है,बता दे कि जबसे इन दोनों पक्षों के बीच युध्द शुरू हुआ है तभी से तमाम ऐसे दावे सामने आते रहें हैं जिनमें साक्ष्य का नितांत अभाव पाया गया। अब इसी कड़ी में ब्रिटेन की खुफिया एजेंसी MI6 के प्रमुखों ने एक चौंकाने वाला दावा किया है। जिसमें कहा गया है कि संभवत: पुतिन की मौत हो चुकी है और एक हमशक्ल ने सार्वजनिक समारोहों में उनकी जगह ले ली है।
ब्रिटिश खुफिया अधिकारियों के मुताबिक पुतिन के साथियों को उनकी मौत के रहस्य को दुनिया से कई हफ्तों या महीनों तक छिपा कर रखना होगा। ब्रिटिश खुफिया एजेंसी के सूत्रों के हवाले से एक मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि पब्लिक में पुतिन की हालिया मौजूदगी को पहले से रिकॉर्ड कर लिया गया था। सभवत: उनकी मौत हो चुकी है और एक हमशक्ल ने उनकी जगह ले ली है।
इतना हीं नहीं यहां तक भी कहा गया कि पुतिन बेहद बीमार हैं और अगर उनकी मौत हो जाती है तो इसे कई हफ्तों या कई महीनों तक के लिए गुप्त रखा जाएगा। इसकी भी संभावना है कि वह पहले ही मर चुके हैं। इसका पता लगाना असंभव है। माना जाता है कि पुतिन ने अस्वस्थ्य रहने के दौरान अपने हमशक्लों का इस्तेमाल किया है और अब क्रेमलिन भी यही कर रहा है।
यह भी कहा गया कि पुतिन के करीबियों को सबसे बड़ा डर इस बात का है कि पुतिन की मौत की खबर बाहर आते ही रूस में तख्तापलट हो सकता है और रूसी जर्नल यूक्रेन से सेना को वापस बुला लेंगे। पुतिन की मौत उन्हें कमजोर और सत्ता से बेदखल कर देगी। इसलिए उनकी भलाई इसी में है कि वे पुतिन को जिंदा बताएं।’ करीब दो हफ्ते पहले एक रूसी अरबपति व्यवसायी और क्रेमलिन के करीबी ने दावा किया था कि पुतिन ब्लड कैंसर से जूझ रहे हैं और बेहद बीमार हैं। इतना ही नहीं बल्कि यूक्रेन हमले से पहले उनकी सर्जरी हो चुकी है।
गौरतलब है कि इससे पहले भी पुतिन को कैंसर होने का दावा किया गया था और यहां तक कहा गया कि वह जल्द ही इलाज के लिए कही जा सकते हैं और पुतिन की जगह कोई और चार्ज ले सकता है और अब उनके मरने का दावा किया जा रहा है और सबसे बड़ी बात यह है कि यह सभी दावें ब्रिटेन से ही हो रहे हैं। जो कि तथ्यात्मक तरीके से विश्लेषण के बाद इन दावों को बल नहीं मिलता जिससे साबित होता है कि ये सभी तथाकथित दावें रणनीतिक रूप से युध्द का एक हिस्सा हैं जो कि मनगढ़न्त व फर्जी है। बता दे कि पहले भी दावे किये गये थे कि रूसी फौज के पास सिर्फ एक सप्ताह का ही गोला बारूद बचा है,आज 94 दिन से अधिक हो गए इस जंग को,जंग की स्थिति क्या है ? बताने की जरूरत नहीं है।