सांकेतिक तस्वीर।
मॉस्को/कीव। रूस-यूक्रेन जंग के बीच बहुत बड़ी खबर सामने आई है, जिसमें दावा किया गया है कि न्यूक्लियर वाॅर की धमकियों के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पुतिन को बहुत बड़ी धमकी देते हुए कहा है कि यदि रूस परमाणु हमला करता है तो पुतिन भी जिंदा नहीं बचेंगें। इतना ही नहीं जेलेंसकी ने आगे भी कहा कि नाटों को पुतिन के परमाणु हमले का इंतजार नहीं करना चाहिए,इससे पहले ही नाटों को रूस पर हमला कर देना चाहिए। वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी दावा किया है कि पुतिन की धमकी को मजाक में नहीं लेना चाहिए। बता दे कि यह जंग अब परमाणु युध्द के मुहाने पर पहुंच चुका है।
बताते चले कि पिछले सात महिनों से जारी रूस-यूक्रेन जंग अब परमाणु जंग के दौर में पहुँच चुका है। जहां इस दौरान रूस की तरफ से बार-बार बेहद खतरनाक परमाणु की धमकी दी जा रही है। जिस वजह से यूक्रेन सहित नाटों देशों में हड़कंप मचा हुआ है। जिस वजह से अमेरिका नाटों के सदस्य देशों में परमाणु मिसाइलों के तैनाती की तैयारियों में जुट गया है। इतना ही नहीं अमेरिका ने एंटी रेडियेशन दवाइयों को भी भारी मात्रा में बनाने का आदेश भी जारी कर दिया है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी कहा है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन की धमकियों को मजाक में नहीं लेना चाहिए।
वहीं,जंग की भीषण त्रासदी झेल रहे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंसकी ने भी पुतिन को बहुत बड़ी धमकी देते हुए कहा है कि यदि रूस परमाणु हमलें को अंजाम देता है तो पुतिन भी जिंदा नहीं बचेंगें। इतना ही नहीं उन्होंने आगे भी कहा कि नाटों को अब पुतिन का कतई इंतजार नहीं करना चाहिए, पुतिन के कुछ करने से पहले ही रूस पर हमला कर देना चाहिए। जेलेंसकी ने आगे भी कहा कि परमाणु हमले की स्थिति में पुतिन को दुनिया कभी नहीं माफ करेगी।
गौरतलब है कि पिछले सात महिनों से जारी रूस-यूक्रेन जंग के बीच जब यूक्रेन द्वारा रूस के कब्जाये इलाकों पर फिर से कब्जा किये जाने से रूस का पारा सातवें आसमान पर चढ़ गया, जहां इस दौरान रूसी राष्ट्रपति ने यूक्रेन के चार इलाकों को औपचारिक रूप से रूसी क्षेत्र घोषित कर दिया, जिससे यह जंग और भी भढ़क गया। जिसके बाद यूक्रेन ने नाटों में शामिल होने के लिए आवेदन कर दिया, इतना ही नहीं यूक्रेन ने रूस द्वारा घोषित यूक्रेन के इलाकों पर जबरदस्त हमला शुरू कर दिया जिस वजह से रूसी फौज पीछे हटने के लिए मजबूर हो गई। मालूम हो कि यूक्रेन के जबरदस्त काउंटर हमलो की वजह से रूसी फौज पीछे हट रही है। इसीलिए पुतिन पर परमाणु हमलें का दबाव बढ़ गया है।