सांकेतिक तस्वीर।
मॉस्को। रूस-यूक्रेन जंग के बीच पूरी दुनिया में हड़कंप मचाने वाली रिपोर्ट सामने आई है,दावा किया जा रहा है कि रूस ने नाटों के साथ सीमा से कुछ ही मील की दूरी पर परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम ग्यारह बांबर विमानों की तैनाती किया है। दरअसल,अमेरिकी सैटेलाइट ऑपरेटर प्लैनेट लैब्स ने नॉर्वे के साथ सीमा से 20 मील से भी कम दूरी पर रूसी टीयू-160 और टीयू-95 स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स की मौजूदगी का खुलासा किया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते 7 अक्टूबर को ली गई एक सैटेलाइट तस्वीर में कोल्स्की प्रायद्वीप पर रूसी एयरबेस ओलेन्या पर सात टीयू-160 रणनीतिक बमवर्षक और चार टीयू-95 विमान दिखाई दे रहे हैं। इसके दो दिन बाद ली गई एक दूसरी तस्वीर में टीयू-160 बमवर्षकों में से एक को रनवे पर उड़ान भरने के लिए तैयार दिखाया गया है।
बता दे कि TU-160 रूस का अब तक का सबसे बड़ा और सबसे भारी बमवर्षक विमान है। यह बमवर्षक विमान 2 मैक की गति से बिना ईंधन भरे 7500 मील की नॉन-स्टॉप उड़ान भरने में सक्षम है। यह स्ट्रैटजिक बॉम्बर 12 छोटी दूरी की परमाणु मिसाइलों को ले जा सकता है। टीयू-95 स्ट्रैटजिक बॉम्बर भी क्रूज मिसाइलों और परमाणु बमों से हमला करने में सक्षम हैं।
इससे पहले हाल ही में इजरायल की खुफिया फर्म इमेजसैट इंटरनेशनल ने फिनलैंड की सीमा के पास एक एयरबेस पर रूसी बमवर्षकों की उपस्थिति का पता लगाया था। जेरूसलम पोस्ट ने सैटेलाइट तस्वीरें के आधार पर बताया था कि रूसी एयर बेस पर 21 अगस्त को चार टीयू-160 को और तीन टीयू-95 को 25 सितंबर को देखा गया था। यूक्रेन के पास मौजूद एंगेल्स एयरबेस रूस के एकमात्र स्ट्रैटजिक बॉम्बर्स का ठिकाना है। रूसी वायु सेना यहां से 121वीं हेवी बॉम्बर एविएशन रेजिमेंट को ऑपरेट करती है। इसी रेजिमेंट के पास टीयू-160 और टीयू-95 को उड़ाने की जिम्मेदारी है। रूसी वायु सेना इसी बेस से अपने परमाणु बॉम्बर्स को पूरे देश में संचालित करती है।
बताया जाता है कि टुपोलेव टीयू-160 की टॉप स्पीड 2220 किलोमीटर प्रति घंटा है। यह विमान 110000 किलोग्राम के कुल वजन के साथ उड़ान भरने में सक्षम है। इसके पंखों का फैलाव 56 मीटर है। टीयू-160 की पहली उड़ान 16 दिसंबर 1981 में आयोजित की गई थी। रूसी सेना में इस समय 17 टीयू-160 स्ट्रैटजिक बॉम्बर मौजूद हैं, जिन्हें अपग्रेड किया जा रहा है। हैरानी की बात यह है कि रूस ने साल 1995 में इस बॉम्बर को एक्टिव सर्विस से हटा दिया था। लेकिन 2021 में फिर इस बॉम्बर को कई अपग्रेडेशन के बाद रूसी वायु सेना की एक्टिव ड्यूटी में शामिल किया गया।
इसी बीच रूस की परमाणु हमले की धमकी और उसकी तैयारियों को देखते हुए नाटों ने भी न्यूक्लियर ड्रिल का ऐलान किया है,जिससे पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि, नाटों ने यह खुलासा किया कि इस ड्रिल की बहुत पहले ही तैयारी की जा चुकी थी, जिसे बढ़ते तनाव के बीच रद्द भी किया जा सकता था लेकिन रूस की तरफ से लगातार परमाणु हमले की धमकियों को देखते हुए नाटों ने रद्द करना उचित नहीं समझा। अब ऐसे में दोनों पक्षों द्वारा न्यूक्लियर वेपन की तैयारियां साफ संकेत दे रही है कि आने वाले दिनों दुनिया के लिए कुछ खतरनाक होने वाला है जिसकी भरपाई लंबे वक्त तक नहीं हो सकती,उदाहरण के लिए नागासाकी और हिरोशिमा।