इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

भारत के मिसाइल टेस्ट करने के पहले ही दुश्मन का जासूसी जहाज घुसा हिंदमहासागर में, चीन का यह पोत टेस्टिंग के दौरान कर सकता है जासूसी, भारतीय ऐजेंसियां हुई अलर्ट – हेमंत सिंह/नित्यानंद दूबे


सांकेतिक तस्वीर।

बीजिंग/नई दिल्ली। भारत के खिलाफ चीन द्वारा हिंद महासागर में एक और जासूसी जहाज भेजे जाने की रिपोर्ट सामने आई है। जिसके बाद से ही भारतीय ऐजेंसियों के साथ इंडियन नेवी भी अलर्ट मोड पर आ गई है। बताया जा रहा है कि दुश्मन का यह जासूसी जहाज ऐसे समय में हिंदमहासागर में आई है जब भारत के पहले से तय मिसाइल परीक्षण अगले कुछ दिनों बाद होना था।

बता दे कि इससे पहले इस साल के बीते अगस्त में चीन ने इसी तरह के एक और जासूसी जहाज युआन वांग 5 को श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर डॉक किया था। जिसे चीन का सबसे खतरनाक जासूसी जहाज बताया जा रहा है। जो कि भारत से सिर्फ 700 मील की दूरी पर एक हफ्ते के लिए मौजूद था। दरअसल,चीन की नौसेना की तरफ से इस क्षेत्र में भेजे जाने वाले जासूसी जहाज एक ही श्रेणी के होते हैं। इन्हें मिसाइल परीक्षणों और सैटेलाइट की गतिविधियों की निगरानी के लिए डिजाइन किया गया है।

दरअसल,एक भारतीय मीडिया समूह ने रिपोर्ट किया है कि चीन का नया जासूसी जहाज युआन वांग 6 हिंद महासागर में प्रवेश कर चुका है और इंडोनेशियाई प्रांत बाली के तट से गुजर रहा है। दुश्मन का युआन वांग 6 पोत ऐसे समय पर आया है जब भारत एक विशेष तारीख और समय पर मिसाइल परीक्षण करने के लिए एक नोटिस जारी कर सकता है।

इस बीच यह जानकारी सामने आई है कि भारत का यह मिसाइल उड़ीसा के तट पर अब्दुल कलाम द्वीप से 10 से 11 नवंबर के बीच दागी जा सकती है। इस मिसाइल की फ्लाई रेंज 2,200 किमी की हो सकती है। इसके आधार पर पश्चिम में श्रीलंका और पूर्व में इंडोनेशिया के बीच के एक क्षेत्र को ब्लॉक कर दिया गया है, जहां मिसाइल के पहुंचने की उम्मीद है।

ऐसे में दुश्मन की मौजूदगी में भारतीय ऐजेंसियों को अब इस बात की चिंता है कि चीन उसकी मिसाइल को ट्रैक कर सकता है। इससे उसे मिसाइल की क्षमता से संबंधित कई महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हो सकती हैं, जैसे- गति, सटीकता, पथ और सीमा। क्योंकि,भारत अक्सर व्हीलर द्वीप से बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण करता है।

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