इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

रूस-यूक्रेन जंग के बीच अमेरिकी जनरल ने किया चौंकाने वाला बड़ा खुलासा, कहा जंग में मरें लाखों रूसी सैनिक – सतीश उपाध्याय/अमरनाथ यादव


रूसी फौज,फोटो साभार -(रूसी डिफेंस के टेलिग्राम से)

वॉशिंगटन/मॉस्को। रूस और यूक्रेन के बीच जारी भीषण जंग के दौरान एक अमेरिकी जनरल ने बेहद चौंकाने वाला खुलासा किया है। जनरल का दावा है कि इस जंग में अब तक एक लाख से अधिक रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं। वहीं कई अन्य मीडिया रिपोर्ट्स में भी रूस को इस संघर्ष में कई चुनौतियों का सामना करने का दावा किया गया है। शायद यही कारण है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तीन लाख रिजर्व सैनिकों की आंशिक तैनाती के आदेश दिये हैं। इतना ही नहीं अभी हाल ही में पुतिन ने एक नए कानून पर साइन किए हैं जिसके तहत अब रूस के कुख्यात अपराधियों को भी सेना में भर्ती किया जा सकेगा। इससे साफ हो गया है कि पुतिन अब भारी दबाव में है।

दरअसल,अमेरिका के सीनियर जनरल मार्क मिले ने बुधवार को कहा कि यूक्रेन में 1,00,000 से अधिक रूसी सैनिक मारे जा चुके हैं या घायल हुए हैं। कीव की सेना में भी हताहतों की संख्या इसी के आसपास है। मिले ने न्यूयॉर्क के इकोनॉमिक क्लब में कहा, ‘आप 1,00,000 से अधिक रूसी सैनिकों की मौत या घायल देख रहे हैं। ऐसा ही संभवतः यूक्रेनी पक्ष के लिए भी है।’ हालांकि इस दावे की पुष्टि नहीं हुई है,लेकिन इतना जरूर है कि यूक्रेन के साथ साथ रूस का भी भारी नुकसान हुआ है।

जनरल मिले ने आगे भी कहा कि इस युद्ध में रूस या यूक्रेन के लिए सैन्य जीत संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि लड़ाई को खत्म करने के लिए बातचीत का एक मौका है। उन्होंने यह भी कहा कि एक आपसी सहमति होनी चाहिए कि सैन्य जीत सैन्य साधनों से प्राप्त नहीं की जा सकती है। इसलिए आपको अन्य साधनों की ओर रुख करने की जरूरत है। एक मौका है, बातचीत के लिए अवसर की एक खिड़की खुली है।

बता दे कि जनरल मिले ने एक लाख रूसी सैनिकों के मारे जाने का अनुमान ऐसे समय में लगाया है जब रूस ने खेरसॉन से अपने सैनिकों की वापसी का फैसला लिया है। क्योंकि,खुद रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने सैनिकों की वापसी की घोषणा की है। उन्होंने यह भी दावा किया कि यूक्रेन में रूस की सेना के कमांडर जनरल सर्गेई सुरोविकिन की सलाह के बाद यह फैसला लिया गया है। चूंकि,इसी साल के सितंबर में पुतिन ने जनमत संग्रह के बाद खेरसॉन को रूस में मिलाने की घोषणा की थी। इसीलिए सैनिकों की वापसी रूसी राष्ट्रपति के लिए अब तक का सबसे बड़ा झटका है।

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