सांकेतिक तस्वीर।
इस्लामाबाद/पेशावर। पाकिस्तान के नये आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर की मुश्किलें बढ़ती हीं जा रही है। क्योंकि, पाकिस्तान के लिए बड़े खतरे के रूप में उभरते TTP (तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान) ने अफगानिस्तान के बार्डर से सटे खैबर पख्तूख्वा में एक पाकिस्तानी सैनिक का गला काटकर उसकी कत्ल कर दिया है। इतना ही नहीं मारे गए इस पाक सैनिक के शव को पेड़ पर लटका भी दिया तथा साथ में एक धमकी भरी चिट्ठी भी लगा दिया है। जिसमें स्थानीय लोगों से कहा गया है कि कोई भी मरने वाले के जनाजे में शिरकत न करे, वरना अंजाम बुरा होगा। बता दे कि पाक फौज के नये आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर के आते ही TTP ने पाकिस्तानी सरकार के साथ पूर्व में किये सीज फायर समझौते को तोड़ने का ऐलान किया था।
वहीं,चुनौतीपूर्ण इस हत्याकांड को लेकर पाकिस्तानी फौज और पाक सरकार अभी तक चुप्पी साधे हुई हैं। मारे गए इस पाक सैनिक का नाम रहमान जमान बताया जा रहा है। दरअसल,इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी एक अफगान नागरिक सुहैब ने दी है, जहां सुहैब के हवाले से दावा किया गया है कि फौजी रहमान का सिर काटने की घटना बन्नू जिले के जानी खेल इलाके में हुई। बाद में उसका सिर बाजार में एक पेड़ से लटका दिया गया। शव के साथ स्थानीय पश्तो भाषा में लिखी एक चिट्ठी भी थी। इसमें लिखा था कि कोई भी व्यक्ति मारे गए सैनिक के जनाजे में शिरकत न करे। वरना इसका अंजाम बुरा होगा।
दरअसल,इस सप्ताह के सोमवार को देर रात बन्नू जिले के जानी खेल एरिया के एक घर में TTP के आतंकी घुसे और यहां उन्होंने रहमानउल्लाह और उनके बेटे शाहिद की गोली मारकर हत्या कर दी। जहां रहमानउल्लाह का शव भी पेड़ से लटका दिया गया। इस परिवार में सिर्फ एक 10 साल की बच्ची ही बची है। जियाउद्दीन ने उसका फोटो भी शेयर किया है।
बता दे कि खैबर पख्तूनख्वा में 9 साल से इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) की सरकार है। इस राज्य में लॉ एंड ऑर्डर के हालात इस कदर खराब हैं कि तालिबान पाकिस्तान यानी TTP यहां कारोबारियों से हफ्ता वसूली करता है। सरकार में तालिबान के मुखबिर मौजूद हैं। ये फौज या पुलिस के किसी भी ऑपरेशन की जानकारी पहले ही TTP को दे देते हैं।
हालांकि,TTP पर दबाव बनाने की नियत से पाकिस्तान की शाहबाज शरीफ सरकार ने पिछले हफ्ते विदेश राज्यमंत्री हिना रब्बानी खार को अफगानिस्तान दौरे पर भेजा था। जहां खार ने तालिबान हुकूमत से अपील में कहा था कि वो TTP को पाकिस्तान में हमले करने से रोकें। लेकिन ऐसा हो न सका और हिना के पाकिस्तान लौटने के चंद घंटे बाद अफगानिस्तान में स्थित पाक अंबैसी पर हमला हो गया। इसके बाद यह घटना घटी। जिससे पाकिस्तान में सवाल उठ रहे हैं कि सरकार और फौज दोनों TTP को रोकने में नाकाम हो चुके हैं।
गौरतलब है कि दिसंबर 2007 को बेतुल्लाह मेहसूद की अगुवाई में 13 गुटों ने एक तहरीक यानी अभियान में शामिल होने का फैसला किया, लिहाजा संगठन का नाम तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान रखा गया। शॉर्ट में इसे TTP या फिर पाकिस्तानी तालिबान भी कहा जाता है। आतंकवाद की फैक्ट्री कहे जाने वाले पाकिस्तान में अब तक जितने भी आतंकी संगठन अस्तित्व में आए हैं, उनमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान सबसे खतरनाक माना जाता है। खास बात यह है कि इस संगठन के पाकिस्तान फौज में हजारों समर्थक हैं और यही पाकिस्तान के लिए सबसे बड़ा खतरा है।