एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

नहीं थम रहे पाकिस्तान में टीटीपी के आत्मघाती हमलें, सेना और पुलिस के नियंत्रण से बाहर हुई स्थिति – विजयशंकर दूबे/राजेंद्र दूबे


पाक फौज के डीजी ISPR लेफ्टिनेंट जनरल बाबर,(फाईल फोटो)

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में टीटीपी लगातार अपने भीषण हमलों से पाकिस्तान में त्राहिमाम मचा दिया है। जहां इस बीच पाक फौज के मीडिया विंग के हवाले से रविवार को दावा किया गया है कि टीटीपी ने पिछले दो दिनों में अशांत बलूचिस्तान प्रांत में कई हमले किए हैं। जिससे छह सुरक्षाकर्मियों की जाने गई है और कुछ अन्य घायल भी हुए हैं। दरअसल, इस साल के बीते नवंबर के अंतिम सप्ताह में हीं टीटीपी ने सीजफायर का तोड़ने का खुला ऐलान किया था। जहां इसके बाद से ही देश के अलग अलग हिस्सों में आये दिन भीषण आत्मघाती हमले हो रहे हैं,जिनमें पाकिस्तानी सुरक्षाकर्मी मारें जा रहे हैं। बता दे कि टीटीपी पहले ही साफ कर चुका है कि उसका टारगेट सिर्फ सुरक्षाबल हीं है।

बता दे कि पाकिस्तानी सेना के इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने एक बयान जारी कर कहा कि झोब जिले के सांबाजा इलाके में खुफिया सूचना के आधार पर अभियान चलाया गया। जहां इस दौरान आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई, जिसमें एक आतंकवादी और एक सैनिक मारा गया। इसी कड़ी में आईएसपीआर ने आगे भी बताया कि विश्वसनीय सूचना के आधार पर अभियान शुरु किया गया जो पिछले 96 घंटों से जारी है।

बयान में आगे भी कहा गया है कि इसका उद्देश्य पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर आंतकवादियों को खैबर पख्तूनख्वा में घुसने और नागरिकों व सुरक्षा बलों को निशाना बनाने से रोकना था। इतना ही नहीं पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग आईएसपीआर ने यह भी कहा कि आतंकवादियों को सीमा पार से उनके मददगारों का समर्थन हासिल है। इस बीच एक दूसरी घटना में टर्बोक के दानुक गोगदान इलाके में सशस्त्र आतंकवादियों ने शनिवार को फ्रंटियर कोर के एक वाहन को निशाना बनाया। इसके बाद मुठभेड़ में चार सैनिक मारे गए। सीमावर्ती चमन कस्बे में बीती देर रात मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात आतंकवादियों ने एक चेक पोस्ट पर गोलीबारी की जिसमें लेवी का एक जवान मारा गया। जहां टीटीपी ने तुरबत और चमन में हुए हमलों की जिम्मेदारी ली है।

वहीं, टीटीपी के लगातार भीषण हमलों की वजह से पाकिस्तान की सेना और पुलिस फोर्स बेहद तनाव व दबाव महसूस कर रहे हैं। कहने को तो भले ही इन हमलावरों को गिरफ्तार करने के लिए देश भर में अभियान चलाया जा रहा है लेकिन हकीकत इसके उलट है। क्योंकि,पाकिस्तानी सेना और पुलिस को आंशिक सफलता मिल रही है। जबकि टीटीपी जहां चाहे वहां अपने घातक हमलों को अंजाम देने में लगातार सफल दीख रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो चली है कि अभियान में लगे वरिष्ठ अधिकारियों की भी हालत पतली हो गई है। ऐसे में पाकिस्तान के सामने इस समय टीटीपी एक गंभीर चुनौती के रूप में सामने उभरा है जिसका हल होना निकट भविष्य में मुश्किल दीख रहा है। इससे साबित होता है कि अब स्थिति सेना और पुलिस के नियंत्रण से बाहर हो चुकी है।

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