सांकेतिक तस्वीर।
दुबई। इस साल के बीते 15 जनवरी को डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो (DRC) के एक चर्च में हुए विस्फोट में अब तक 17 लोगों के मारे जाने की रिपोर्ट सामने आ रही है। जिसमें 20 लोगों के गंभीर रूप से घायल होने की भी खबर हैं। वहीं,इस हमले की जिम्मेदारी लेने में खूंखार आतंकी संगठन “ISIS” का नाम सामने आया है। हालांकि,सरकारी प्रवक्ता पैट्रिक मुयाया ने पहले ही इस ब्लास्ट के पीछे ISIS के सहयोगी संगठन एलाइड डेमोक्रेटिक फोर्स (ADF) का हाथ होने की आशंका जताई थी।
बता दे कि कासिंदी टाउन के एक चर्च में लोग प्रार्थना के लिए इकट्ठे हुए थे। इसी दौरान धमाका हुआ। जहां प्रत्यक्षदर्शी जूलियस कसाके ने बताया कि मैं चर्च के बाहर से गुजर रहा था। तभी धमाका हुआ। मैं और आसपास के कई लोग मदद करने के लिए चर्च के अंदर भागे। वहां हर तरफ तबाही का मंजर दिखाई दे रहा था। कई लोग बेसुध पड़े थे तो कई दर्द से चीख रहे थे। कई लोगों के हाथ-पैर टूटकर अलग हो गए थे। इस बीच मसिका मकासी ने भी कहा कि वह चर्च के बाहर एक टेंट में बैठी हुई थीं। तभी उसने धमाके की आवाज सुनी। पल भर में ही सब कुछ बदल गया। कुछ फीट की दूरी पर बैठी उसकी भाभी भी इस विस्फोट के चपेट में आने से मारी गई और उसकी टांग में भी चोट लग गई।
वहीं,इस घटना की रिपोर्ट सामने आते हीं सेना मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाली। जहां इस दौरान घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया तथा मारे गए लोगों को भी ऐंबुलेंश में भेजा गया। इस दौरान डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो के राष्ट्रपति फेलिक्स एंटोनी ने कहा है कि इस जघन्य अपराध के दोषियों को पकड़कर सजा दी जाएगी। फेलिक्स 2018 से कांगो के राष्ट्रपति हैं। मालूम हो कि अफ्रीका महाद्वीप का यह देश लंबे समय से चल रहे संघर्ष और राजनीतिक अस्थिरता की वजह से यह संकट में ही रहा है। यहां बड़ी संख्या में लोगों को पलायन करना पड़ा है। कांगो दुनिया के पांच सबसे गरीब देशों में शामिल है।