टीटीपी के घातक लड़ाकें,फाईल फोटो,साभार -(सोशल मीडिया)
इस्लामाबाद। पाकिस्तान का इतिहास रहा है कि उसके किसी भी हिस्से में जब भी कोई बड़ी घटना होती है, तो बिना देर किये अपनी ईमेज बचाने के चक्कर में वह इस तरह के घटनाओं के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराता रहा है। हालांकि,पाकिस्तान इस तरह की घटनाओं में भारत की संलिप्तता का एक भी सबूत आजतक कहीं भी सार्वजनिक नहीं कर सका है। जबकि भारत में आज तक जितने भी आतंकी हमलें हुए हैं उसमें से अधिकांश घटनाओं में पाकिस्तानी संलिप्तता के तमाम सबूत नई दिल्ली दुनिया के सभी मंचों पर पेश करती रही है। जहां इसी कड़ी में पेशावर में हुए आत्मघाती हमले में अब पाकिस्तानी हुकूमत भारत को दोषी ठहराने में लगी है। जबकि इस खतरनाक हमलें की जिम्मेदारी खुद “तहरीक ए तालिबान” (TTP) पाकिस्तान ने ली है। इसके बावजूद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मोहम्मद आसिफ ने आरोप लगाया है कि भारत,अफगान सीमा से आतंकियों को मदद दे रहा है।
पेशावर विस्फोट को लेकर बीते मंगलवार को यानि एक दिन पहले पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ने एक न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान कहा कि टीटीपी अफगानिस्तान की सीमा से लगे इलाकों में एक्टिव हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि ये आतंकी समूह अफगानिस्तान के क्षेत्रों में आते-जाते हैं और पाकिस्तान में पुलिस चौकियों पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने आगे भी दावा किया कि हम इमरान खान के शासन की कमजोर नीतियों के कारण पीड़ित हैं। ख्वाजा आसिफ ने आगे कहा कि पिछली पाकिस्तान सरकार की ओर से IMF के साथ की गई कठिन डील के कारण देश आर्थिक चुनौतियों से गुजर रहा है।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने आगे भी बताया कि पाकिस्तान में एक बार फिर आतंकवाद की लहर देखने को मिल रही है। इसके लिए इमरान खान की सरकार जिम्मेदार है, क्योंकि वह इससे निपटने के लिए एक स्पष्ट सुरक्षा नीति बनाने में विफल रहे। इतना ही नहीं आसिफ ने इसी कड़ी में यह भी कहा कि TTP आतंकियों को भारत समर्थन दे रहा है, जिसके कारण ये एक खतरा बन गए हैं। उन्होंने आगे कहा, ‘हम आतंकवाद के खिलाफ पहले भी लड़े हैं और शांति स्थापित की है।’
फिलहाल,इस विस्फोट को अंजाम देने में शामिल 17 संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया है। इस बीच पाक फौज के चीफ जनरल आसिम मुनीर ने आतंकवादी समूहों के खिलाफ कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति अपनाने का संकल्प व्यक्त किया और सेना के अधिकारियों को आतंकवाद को नेस्तानाबूद करने का निर्देश दिया। गौरतलब है कि दो दिन पहले यानि बीते सोमवार को जुहार की नमाज के दौरान आगे की कतार में मौजूद तालिबान के आत्मघाती हमलावर ने खुद को विस्फोट से उड़ा लिया था। जिसमें करीब 66 लोग तुरंत मौके पर ही मर गए थे तथा 150 से अधिक लोग घायल हुए थे। हालांकि, घायलों में मरने वालों की तादाद रूक नहीं रही है। जहां इस आंकड़ें को पाकिस्तानी हुकूमत धीरे धीरे रिलीज कर रही है। बता दे कि इस घातक हमलें में सबसे अधिक पुलिसकर्मी हताहत हुए हैं। वहीं एक अन्य दावें में इस घटना को पाकिस्तान के इतिहास का सबसे ख़तरनाक हमला बताया जा रहा है। हालांकि,हमले में शामिल होने के संदेह में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।