सांकेतिक तस्वीर।
कीव/वॉशिंगटन। जैसे-जैसे इस महीने की 24 तारीख नजदीक आ रही है वैसे-वैसे रूस और यूक्रेन खेमे में भारी हलचल देखने को मिल रही है। क्योंकि,इस समय यूक्रेन के राष्ट्रपति ब्रिटिश दौरे पर है तो इसी बीच रूस-यूक्रेन जंग के बीच पहली बार अमेरिकी नौसेना का एक युद्धपोत ब्लैक-सी में पहुंचा है। चूंकि,काला सागर का इलाका रूस के प्रभुत्व वाला क्षेत्र माना जाता है। यूक्रेन की समुद्री सीमा भी काला सागर से ही लगी हुई है। ऐसे में अमेरिकी युद्धपोत के पहुंचने को रूस के लिए सख्त संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। बता दे अमेरिका ने यूक्रेन पर हमले के पहले ही माहौल को भांपते हुए आपसी तकरार से बचने के लिए अपने सभी युद्धपोतों को काला सागर से दूर रहने का आदेश जारी किया था। इसके बाद अमेरिकी नौसेना के पांचवें बेड़े ने काला सागर क्षेत्र में सभी नेवल ऑपरेशन को तत्काल प्रभाव से रोक दिया था।
बता दे कि अमेरिकी नौसेना का जो युद्धपोत इस समय काला सागर में पहुंचा है, उसका नाम यूएसएस नीट्ज है। नीट्ज जॉर्ज एच डब्लू बुश कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के साथ काम करता है। इस युद्धपोत ने 3 फरवरी को तुर्की का दौरा करने के बाद काला सागर में प्रवेश किया था। खुद अमेरिकी नौसेना के छठे बेड़े ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है। इस युद्धपोत ने कुछ दिनों पहले ग्रीस के पीरियस का भी दौरा किया था। काला सागर क्षेत्र में प्रवेश करने वाला अंतिम युद्धपोत दिसंबर 2021 में पहुंचा था। इसके बाद से ही अमेरिकी नौसेना ने काला सागर से दूरी बना रखी थी। हालांकि, नाटो मिशन के तहत ब्रिटिश युद्धपोत इस इलाके में मौजूद रहे थे।
गौरतलब है कि बीते साल के 24 फरवरी को रूस ने यूक्रेन पर हमला शुरू किया था जो कि ये हमले अभी भी लगातार जारी है। जहां इस दौरान कई घटनायें देखने को मिली। इतना ही नहीं इस दौरान कई बार परमाणु हमले की तैयारियां देखने को मिली। वहीं अब इस जंग को पूरे एक साल होने वाला है। ऐसे में आने वाले 24 फरवरी को यूक्रेन को आशंका है कि रूस इस बार कुछ नया और बड़ा हमला कर सकता है। ऐसे में यूक्रेन के सहयोगी देशों में हड़कंप मचा हुआ है। जहां इस बीच अमेरिका के पाचवें बेड़े के एक युध्दपोत का अचानक ब्लैक सी में पहुंचना किसी बड़े घटनाक्रम का संकेत माना जा रहा है।