
अमेरिकी लड़ाकूं विमानों की फ्लीट, फाईल फोटो, साभार -(यूस के एअर फोर्स के ट्वीटर से)
वाशिंग्टन/ओटावा। अमेरिकी एअरस्पेस में जारी चीन के जासूसी गुब्बारे का बवाल अभी भी थम नहीं सका है। जहां दो दिन पहले हीं अलास्का के आसमान में भी दिखे एक संदिग्ध ऑब्जेक्ट को गिराने के बाद शनिवार को भी F-22 फाइटर जेट ने कनाडा में एक ऑब्जेक्ट को मारा गिराया। इससे पहले मोंटाना में चीन के जासूसी गुब्बारे को हिट किया गया था। जिसे लेकर अमेरिका और चीन के बीच अभी भी तनाव जारी है। इतना ही नहीं अमेरिका ने हिट किये गये गुब्बारे को सीधे तौर पर चीन के जासूसी का हिस्सा करार कर दिया, जिससे बीजिंग और भढ़क गया।
दरअसल,अमेरिका के बाद शनिवार को कनाडा के आसमान में भी एक इसी तरह का संदिग्ध फ्लाइंग ऑब्जेक्ट डिटेक्ट हुआ था। बताया जा रहा है कि यह आॅब्जेक्ट कनाडा के यूकॉन प्रान्त में सिलेंड्रिकल आकार था जिसे अमेरिकी फाइटर जेट F-22 ने मार गिराया है। वहीं,कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। उन्होंने लिखा- मैंने अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन से बात की, जिसके बाद F-22 ने ऑब्जेक्ट को मार गिराया है। कनाडाई फोर्स जल्द ही इसका मलबा बरामद कर जांच के लिए भेजेगी।
बता दे कि बीते शुक्रवार को यानि दो दिन पहले हीं अमेरिका के अलास्का में भी ऐसा ही ऑब्जेक्ट दिखाई दिया था। उस वक्त भी अमेरिकी फाइटर जेट ने 40 हजार फीट की ऊंचाई पर दिखे इस ऑब्जेक्ट को मार गिराया। मालूम हो कि बीते दिनों में संदिग्ध ऑब्जेक्ट दिखने की यह तीसरी घटना है। इससे पहले इसी महीने के बीते 5 फरवरी को अमेरिकी एयर स्पेस में चीनी स्पाई बैलून को F-22 फाइटर जेट्स से शूट किया गया था। जहां शूट किये गये इस बैलून का मलबा साउथ कैरोलिना के समुद्र में गिरा था।
गौरतलब है कि अमेरिका के मोंटाना शहर में 2 फरवरी को चीनी स्पाई बैलून नजर आया था। 5 फरवरी को अमेरिकी वायुसेना ने कैरोलिना तट के पास F-22 फाइटर जेट से इसे मार गिराया था। इसके नष्ट हो जाने के बाद बाइडेन ने अपने फाइटर पायलट्स को बधाई दी थी। अमेरिका की इस कार्रवाई पर चीन ने सख्त ऐतराज जताया था। चीन ने कहा था कि बैलून तबाह करके अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय नियमों का उल्लंघन किया है।
इसी बीच शुक्रवार को एक और सदिग्ध फ्लाइंग ऑब्जेक्ट नजर आया। जो कि अलास्का के ऊपर उड़ रहे इस ऑब्जेक्ट को अमेरिकन एयरफोर्स के F-22 रैप्टर फाइटर ने मार गिराया। अमेरिकन नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि 40 हजार फीट की ऊंचाई पर उड़ रहे इस ऑब्जेक्ट की रफ्तार 64 किमी प्रति घंटे थी। इससे कॉमर्शियल फ्लाइट्स को खतरा था। वहीं, इसके आबादी के ऊपर गिरने की आशंका भी थी।
