सांकेतिक तस्वीर।
ईटानगर/नई दिल्ली। दशकों से भारत के पूर्वोत्तर के कई राज्यों में देश के लिए सरदर्द बने नगा उग्रवादियों के खिलाफ अरुणाचल प्रदेश की पुलिस फोर्स ने गुरूवार को बड़ी कामयाबी हासिल की है। दावा किया जा रहा है कि अरूणाचल प्रदेश की पुलिस ने एक इंटल इनपुट के आधार पर नगा विद्रोहियों के एक बड़े कैंप पर छापा मारा। बता दे कि यह कैंप भारत-म्यांमार बॉर्डर के किनारे चांगलांग जिले में ईस्टर्न नगा नेशनल गवर्नमेंट (ENNG) नाम के अलगाववादी ग्रुप का था। छापेमारी के दौरान पुलिस फोर्स को यहां से भारी मात्रा में बेहद खतरनाक हथियार मिले है।
बताया जा रहा है कि इस बड़े ऑपरेशन को अरूणाचल प्रदेश की पुलिस ने बिना किसी अन्य सहयोगी फोर्स के अकेले अंजाम दिया है। इतना ही नहीं पुलिस की तरफ से यह दावा किया गया है कि छापेमारी के दौरान कैंप का फोटो और वीडियो लेने के बाद कैंप को जलाकर नष्ट कर दिया गया।
दरअसल,अरुणाचल पुलिस को इस कैंप के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद स्पेशल टास्क फोर्स (STF) और चांगलांग पुलिस ने गुरुवार सुबह इस कैंप पर धावा बोल दिया। वहीं,पुलिस की तरफ से यह भी कहा गया कि इस विद्रोही ग्रुप की खतरनाक गतिविधियां कई महीनों से पुलिस के रडार पर थीं। इस बीच यह भी खुलासा हुआ है कि इस समूह की तरफ से बड़ा खतरा पैदा हो गया था, उसे खत्म करने के लिए कार्रवाई करना जरूरी था। पुलिस ने इस बारे में स्ट्रैटजी बनाई और कार्रवाई को सफलतापूर्वक अंजाम दिया।
इस आॅपरेशन के बारे में यह भी बताया गया कि आॅपरेशन को अंजाम देने के ठीक एक दिन पहले यानि बुधवार को इस कैंप की जासूसी करने के दौरान यहां पांच उग्रवादियों की मौजूदगी की जानकारी सामने आई थी। जहां दूसरे दिन यानि गुरुवार के ऑपरेशन में कैंप पर कंट्रोल्ड अटैक किया गया, जिसके चलते विद्रोहियों को कैंप छोड़कर भागना पड़ा। ऑपरेशन खत्म होने के बाद कैंप की तलाशी ली गई, जिसके बाद वहां बड़ी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ। इससे पहले
सितंबर 2017 में भारतीय सेना ने भारत-म्यांमार बॉर्डर से लगे इलाकों में नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड-खापलांग यानी NSCN(K) से जुड़े नगा विद्रोही समूहों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। जहां इस दौरान भारतीय सेना ने इस ऑपरेशन में करीब 30 उग्रवादियों के मारे जाने का दावा की थी। लेकिन इस आॅपरेशन में सबसे अच्छी बात यह रही कि सेना का एक भी जवान हताहत नहीं हुआ था।