फ्रंट पर दुश्मन के खिलाफ भारी गोलाबारी करते हुए यूक्रेनी सैनिक,फोटो साभार -( यूक्रेन के डिफेंस मिनिस्ट्री के ट्वीटर से)
मॉस्को/नई दिल्ली। पिछले एक साल से यूक्रेन के खिलाफ रूसी फौज लगातार भीषण हमलो को अंजाम दे रही है,फिर भी रूस अभी तक संतोषजनक परिणाम से वंचित है। जहां इस दौरान रूस की तरफ से जंग से जुड़ी कई रणनीतिक गलतियां सामने आई। हालांकि,रूस की इन गलतियों को लेकर तमाम मीडिया समूह तथा अन्य संबंधित विशेषज्ञों ने समय-समय पर अपनी राय जाहिर करते रहे हैं। इस बीच रूस की अब तक की सबसे बड़ी लापरवाही सामने आई है,जिसमें सीक्रेट आॅपरेशन न्यूज पोर्टल समूह ने रूस की इस लापरवाही को लेकर अपनी पड़ताल में यह पाया कि रूस की खुफिया ऐजेंसियों ने क्रेमलिन के साथ बहुत बड़ी गलती की है। यही कारण है कि रूसी फौज अभी भी अपने टास्क से दूर है।
दरअसल, सीक्रेट आॅपरेशन मीडिया समूह ने इस एक साल के जंग से जुड़े तमाम रिपोर्ट्स का विश्लेषण करने पर इस नतीजे पर पहुंचा कि जबसे जंग शुरू हुई है,इस दौरान रूसी ऐजेंसियों ने दुश्मन की खुफिया ऐजेंसियों के एक भी सीक्रेट ऐजेंट को नहीं पकड़ सकी है। अब इसे सबसे बड़ी लापरवाही कहा जाए या कुछ और ? जबकि इस बीच नाटों देशों में सक्रिय रूस के अब तक सैकड़ों से अधिक रूसी ऐजेंट पकड़े जा चुके हैं। लेकिन रूस जंग की शुरूआत से लेकर आज तक शायद हीं किसी दुश्मन ऐजेंट को पकड़ा हो। जो कि क्रेमलिन के लिए यह बेहद खतरनाक रिपोर्ट है।
बता दे कि सेकेंड वर्ल्ड वाॅर के बाद से हीं नाटों देशों और रूस के भीतर एक दूसरे के तमाम सीक्रेट ऐजेंट मौजूद रहे हैं। जो कि अक्सर पकड़े भी जाते रहे हैं। लेकिन घोर आश्चर्य है कि रूस-यूक्रेन जंग के बीच आज तक रूस ने एक भी दुश्मन ऐजेंट को पकड़ने में सफलता हासिल नहीं कर सका है। पता नहीं क्यों इस गंभीर मुद्दे पर क्रेमलिन अभी तक अपनी आंखें मूंदे हुए हैं ? समझ से परे है। चूंकि,कोई भी जंग हो उसमें संबंधित देश की खुफिया ऐजेंसियों का बहुत ही अहम भूमिका होती है। ऐसे में एक तरफ दुनिया भर में फैले रूसी ऐजेंट क्रमवार तरीके से पकड़े जा रहे हैं, जबकि रूसी ऐजेंसियां इस आॅपरेशन में अभी तक फेल साबित रही है।
गौरतलब है कि पिछले साल 24 फरवरी को रूसी फौज ने यूक्रेन के खिलाफ जंग छेड़ रखी है। जहां इस दौरान यूक्रेन को भारी नुकसान उठाना पड़ा है, हालांकि, रूस को भी बहुत कुछ गंवाना पड़ा है। फिर भी यह जंग अभी भी जारी है। जहां इस दौरान रूसी खुफिया ऐजेंसियों से जुड़े तमाम सीक्रेट ऐजेंट नाटों देशों में पकड़े गए हैं,जबकि रूस के भीतर आज तक एक भी रूस विरोधी जासूसों के पकड़े जाने की रिपोर्ट सामने नहीं आई है, जो कि क्रेमलिन का यह सबसे बड़ा फेल्योर है। ऐसे में बताने की जरूरत नहीं है कि इसका सीधा विपरीत असर जंग पर कितना पड़ा है ?