पाक फौज के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर, फाईल फोटो।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी से लेकर रिहाई तक मचे भीषण संघर्ष के बीच अब तक दर्जनों लोगों की मौत हो गई,इतना ही नहीं इस दौरान अरबों रुपये का नुकसान भी हुआ है। वहीं,इमरान खान के समर्थकों ने गिरफ्तारी का ठीकरा पाकिस्तानी सेना पर फोड़ा है। यही कारण है कि पूरे पाकिस्तान में सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले हुए हैं। अब पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान की गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए उन्हें रिहा करने का हुक्म सुनाया है। कोर्ट के इस फैसले को न सिर्फ शहबाज सरकार बल्कि पाकिस्तानी सेना के लिए भी एक बड़े झटके के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि, इमरान खान को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत अल्पकालिक है।
वहीं,अब यह अंदेशा जताया जा रहा है कि इमरान खान को रिहाई के बाद फिर से गिरफ्तार किया जा सकता है। क्योंकि, उनके खिलाफ पहले से ही 76 से ज्यादा मामले दर्ज हैं। इसमें तोशाखाना मामले में उनके खिलाफ आरोप लगभग तय भी हो चुके हैं। ऐसे में हो सकता है कि उन्हें कल फिर से गिरफ्तार कर लिया जाए। ऐसे में इमरान खान की गिरफ्तारी से पाकिस्तान के फिर अस्थिर होने का खतरा भी कई गुना बढ़ सकता है। अंदेशा जताया जा रहा है कि अगर फिर से पाकिस्तानी सेना के प्रतिष्ठानों पर हमले हुए तो सेना सख्त एक्शन ले सकती है। इसका पहला कदम पाकिस्तान में मार्शल लॉ के तौर पर देखने को मिल सकता है।
बता दे कि पाकिस्तानी सेना और इमरान खान में इन दिनों दुश्मनी काफी ज्यादा बढ़ गई है। इमरान खान अपनी हर रैली में या फिर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई पर हमला बोल रहे हैं। गिरफ्तारी के एक दिन पहले भी इमरान खान ने कहा था कि आईएसआई का एक वरिष्ठ अधिकारी डर्टी हैरी उनकी हत्या की साजिश रच रहा है। उन्होंने अंदेशा जताया कि मेरी जान को खतरा है। पाकिस्तानी सेना विदेश से आयातित शहबाज सरकार को शह दे रही है। इससे पहले भी उन्होंने पूर्व सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा पर अपनी सरकार गिराने में शामिल होने का आरोप लगाया था।
दरअसल,पाकिस्तान के वर्तमान आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर से इमरान खान की पुरानी दुश्मनी है। 2018 में इमरान खान ने असीम मुनीर को आईएसआई के डीजी पद से हटवाया था। उन्होंने तब जनरल बाजवा से दोस्ती का फायदा उठाते हुए उनसे मुनीर की जगह अपने चहेते फैज हामिद को आईएसआई चीफ बनाने की गुजारिश की थी। मुनीर को सिर्फ 8 महीने के छोटे कार्यकाल के बाद आईएसआई चीफ के पद से जबरन हटा दिया गया था। तब पाकिस्तानी सेना और आईएसआई ने मुनीर को हटाने को लेकर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं दिया था। बाद में पता चला कि मुनीर ने आईएसआई चीफ रखते हुए इमरान की पत्नी बुशरा बीबी के भ्रष्टाचार को उजागर किया था।