एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

कई अन्य मामलों में भी जमानत मिलते ही पाक फौज को इमरान ने दी बड़ी धमकी, कहा फिर से गिरफ्तारी पड़ेगी भारी, 76 सालों में पाक फौज पर भारी पड़ने वाले “खान” साबित हुए पहले नेता – विजयशंकर दूबे (एडिटर इन क्राईम)


पाक फौज के डीजी ISPR फाईल फोटो

इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इमरान खान की गिरफ्तारी और रिहाई के बीच जारी भीषण तनातनी के दौरान आज हाईकोर्ट ने भी इमरान खान को चार अन्य मामलों में जमानत दे दी है। कोर्ट ने इमरान खान की किसी भी नए मामले में गिरफ्तारी पर 15 मार्च तक रोक लगा दी है। इतना ही नहीं, पुराने मामलों में भी गिरफ्तारी पर 17 मई तक रोक लगाई है। इसके बाद इमरान खान ने पाकिस्तान की शहबाज सरकार पर निशाना साधते बड़ी धमकी दी है,इमरान खान ने कहा कि अब उन्हें गिरफ्तार किया गया तो पाकिस्तान में और भी भयानक गदर मचेगा। उन्होंने कोर्ट में गिरफ्तारी के बाद पाकिस्तान में हिंसा को लेकर भी माफी मांगने से भी इनकार कर दिया है। इमरान ने कहा कि पाकिस्तान में लग रहा है जैसे कि मार्शल लॉ लगा हुआ है। उन्होंने सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर पर भी हमला बोला और कहा कि यह सब सिर्फ एक आदमी के इशारे पर हो रहा है।

बता दे कि बीते 9 मई को इमरान खान की गिरफ्तारी के बाद पीटीआई समर्थकों ने सेना को ही निशाना बनाया था। समर्थकों ने लाहौर में कोर कमांडर के घर को लूटकर आग लगा दी। इसके अलावा रावलपिंडी में सेना के हेडक्वार्टर पर हमला किया। मियांवाली में पाक वायु सेना के एयरबेस पर तोड़फोड़ और आगजनी की। इस बीच पाकिस्तानी सेना ने हमले की सिर्फ निंदा की है और 9 मई को एक काला अध्याय बताया है। वहीं,जनरल असीम मुनीर ने भी सेना पर हमले को लेकर अभी तक चुप्पी नहीं तोड़ी है।

हालांकि, इस भीषण गदर के दौरान अब तक 150 से अधिक सेना के अधिकारी व उनकी पत्नीयों को हिरासत में लिया गया है, इतना ही नहीं सैकड़ों सैन्य अधिकारियों के देश छोड़ने की भी रिपोर्ट सामने आई है जो कि गुप्त रूप से देश से बाहर निकल गये हैं। दरअसल, इस समय सेना दो गुटों में बंटी हुई है, यही कारण था कि संघर्ष के दौरान उपद्रवियों पर इमरान समर्थक सैन्य अधिकारियों ने फायरिंग करने से सीधा इंकार कर दिया। फिलहाल, इस दौरान भारी संख्या में लोगों के मारे जाने व घायल होने की भी खबर है।

मालूम हो कि पिछले 76 साल में यह पहला मौका है जब कोई सिविलियन नेता पाक फौज पर हावी हुआ है, जबकि इससे पहले जितने भी नेता हुए और फौज पर हावी होने की कोशिश में उनको भारी कीमत चुकानी पड़ी है। ऐसे में इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तानी अवाम सेना के दबाव से मुक्त होने की बड़ी संभावना देख रही है। यही कारण था कि पीटीआई समर्थकों के अलावा भारी संख्या में आम लोग भी सेना के खिलाफ जारी इस संघर्ष में शामिल रहे हैं। फिलहाल, पाकिस्तान अभी भी अस्थिरता जारी है, आगे क्या होता है ? यह अभी साफ नहीं है।

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