इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

9/11 हमलें में सउदी अरब को मिली क्लीन चीट, अमेरिका ने जारी किया दस्तावेज, विवादों पर लगा विराम – राजेंदर दूबे/रविशंकर मिश्र


सांकेतिक तस्वीर।

नई दिल्ली। अमेरिका में 9/11 आतंकी हमले में सऊदी अरब की क्या भूमिका थी ? इस हमले से जुड़े सभी सवालों का जवाब अब साफ हो गया है,अमेरिका की FBI ने 11 सितंबर 2001 में आतंकवादी हमलों के लिए विमान अपहरण करने वाले सऊदी अरब के दो लोगों को मिले साजोसामान संबंधी सहयोग से जुड़े 16 पृष्ठों का नया दस्तावेज जारी किया है। इन दस्तावेजों में बताया गया है कि अपहरणकर्ता अमेरिका में सऊदी अरब के अपने साथियों के साथ संपर्क में थे लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है कि इस साजिश में सऊदी अरब भी शामिल था।

अमेरिकी राष्ट्रपति के इन गोपनीय दस्तावेजों को सार्वजनिक करने के आदेश के बाद हमले की 20वीं बरसी पर शनिवार को ये दस्तावेज जारी किए गए ,वर्षों तक इन्हें गोपनीय रखा गया। हाल के हफ्तों में पीड़ितों के परिवारों ने बाइडन पर दस्तावेज जारी करने का दबाव डाला था । वे लंबे समय से उन रिकॉर्ड्स को जारी करने की मांग कर रहे हैं जो न्यूयॉर्क में चल रहे उनके मुकदमे में मददगार साबित हो सकते हैं। उनका आरोप है कि सऊदी अरब के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की भी संलिप्तता थी।

सऊदी अरब संबंधित आतंकी हमले में अपनी किसी भी संलिप्तता से इनकार करता रहा है। वाशिंगटन में सऊदी अरब दूतावास ने बुधवार को कहा कि वह सभी दस्तावेज जारी करने का समर्थन करता है ताकि ”हमेशा के लिए उसकी सरकार के खिलाफ निराधार आरोप खत्म हो जाए।

बताते चले कि शनिवार को जारी दस्तावेज में वर्ष 2015 में एक ऐसे व्यक्ति के साक्षात्कार की जानकारी दी गयी है जिसने अमेरिकी नागरिकता के लिए आवेदन दिया था और कई साल पहले सऊदी अरब के उन नागरिकों से बार-बार संपर्क किया था। जांचकर्ताओं का कहना है कि इन्हीं नागरिकों ने अपहरणकर्ताओं को हमलें से संबंधित सभी आवश्यक सामग्रीयों को उपलब्ध कराया गया था,फिलहाल इस गोपनीय दस्तावेज के सार्वजनिक होने से वर्षो से कथित व मनगढंत आरोपों का सामना कर रहे सउदी को हमेशा-हमेशा के लिये राहत मिल गई।

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