एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

अमेरिकी धमकी को जवाब देते हुए प्योंगयांग लगातार दूसरे दिन भी दागा मिसाइल, जापान ने कहा इसकी पहुंच वाशिंग्टन तक, रूस भी उत्तर कोरिया की मदद में आया सामने – हेमंत सिंह/नित्यानंद दूबे


अमेरिकी नेवल फ्लीट, सांकेतिक तस्वीर, फोटो साभार -(अमेरिकी नेवी के ट्वीटर से)

टोक्यो/प्योंगयांग। कोरियाई प्रायद्वीप में जारी भीषण जंगी तनातनी के बीच पहली बार रूस के शामिल होने की रिपोर्ट सामने आई है। जहां इस बीच रूस ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका उत्तर कोरिया के सब्र की परीक्षा ले रहा है। बता दे कि रूस का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब प्योंगयांग की तरफ दागी गई एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल जापान के पास गिरी है।

दरअसल,उत्तर कोरिया ने शुक्रवार को एक इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट किया। जहां जापान के रक्षा मंत्रालय के हवाले से यह दावा किया गया कि इस मिसाइल की रेंज अमेरिका तक है। बता दे कि यह मिसाइल जापान के होक्काइडो से लगभग 210 किमी पश्चिम में समुद्र में गिरी। वहीं,अमेरिका ने इस मिसाइल लॉन्च की निंदा की है। मालूम हो कि एक दिन पहले गुरुवार को उत्तर कोरिया के विदेश मंत्री चो सोन हुई ने क्षेत्र में अमेरिकी सैन्य उपस्थिति के इजाफे के खिलाफ ‘कड़ी’ प्रतिक्रिया की चेतावनी दी थी।

बताते चले कि रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रियाबकोव के हवाले से दावा किया गया है कि मॉस्को कोरियाई प्रायद्वीप के प्रति एक राजनयिक दृष्टिकोण को प्राथमिकता देता है। लेकिन हाल ही में यह स्पष्ट हो गया है कि अमेरिका और क्षेत्र में उसके सहयोगी किसी दूसरे विकल्प को पसंद करते हैं। उन्होंने आगे यह भी कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे प्योंगयांग के धैर्य की परीक्षा ली जा रही है। चूंकि,उत्तर कोरिया पिछले दो महीने में 50 से अधिक मिसाइलें दाग चुका है जिनमें से ज्यादातर शॉर्ट रेंज थीं।

इस बीच जापान के रक्षा मंत्री यासुकाज़ु हमादा ने कहा है कि उत्तर कोरिया ने जिस मिसाइल को दागा है वह एक अंतरमहाद्वीपीय बैलेस्टिक मिसाइल (ICBM) है। इस मिसाइल की रेंज 15,000 किमी है जो अमेरिका तक पहुंच सकती है। लेकिन यह पहला मौका है जब कोरियाई प्रायद्वीप के तनाव के दौरान रूस शामिल हों रहा है जो कि साफ हो चुका है कि तनाव यदि आगे जारी रहा तो रूस भी उत्तर कोरिया के पक्ष में एक बार फिर से जंग के मैदान में उतर सकता है। गौरतलब है कि 50 के दशक में जब कोरियाई प्रायद्वीप के बीच भीषण जंग छिड़ी हुई थी तो दक्षिण कोरिया की मदद में अमेरिका खुलेआम सामने आ गया था जबकि रूस और चीन उत्तर कोरिया का साथ दे रहे थे। हालांकि यह जंग बिना किसी नतीजा का रहा, परिणामस्वरूप कोरियाई प्रायद्वीप दक्षिण और उत्तर कोरिया के नाम से दो अलग देश आपसी सहमति के आधार पर बंट गए। आज वहीं स्थिति एक बार फिर से बनती दीख रही है,वो भी ऐसे समय में जब रूस-यूक्रेन के बीच भीषण जंग छिड़ी हुई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *