एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

आखिर अफगानिस्तान में अचानक तालिबान का हमला क्यों बढ़ गया है ? – राजेंदर दूबे ( स्पेशल एडिटर)

अमेरिका के एक निगरानी समूह ने सोमवार को अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में तालिबान के हमले बढ़ गए हैं। इन हमलों में सरकारी अधिकारियों, नागरिक संस्थाओं के नेताओं और पत्रकारों को निशाना बनाया जा रहा है। बाइडन प्रशासन के अमेरिका-तालिबान शांति समझौते पर पुनर्विचार की योजना के एलान के बाद यह रिपोर्ट सामने आई है।
बता दें कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन और तालिबान ने पिछले साल फरवरी में इस शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। रिपोर्ट में, अफगानिस्तान में मौजूद अमेरिकी बल द्वारा मुहैया कराए गए आंकड़ों के आधार पर कहा गया कि तालिबान द्वारा 2020 की आखिरी तिमाही में हुए हमले पिछली तिमाही से थोड़े से कम थे लेकिन इस अवधि में 2019 में हुए हमलों से काफी अधिक थे।
रिपोर्ट में अमेरिकी बलों के हवाले से कहा गया, दुश्मनों के हमले काबुल में पिछली तिमाही की तुलना में बढ़ गए हैं। इनमें उत्तरी बगलान और दक्षिणी उरुजगान प्रांत में दो दिन के भीतर हुए हमले भी शामिल हैं, जिसमें अफगान सुरक्षा बल के कम से कम 19 जवान मारे गए। काबुल में सड़क किनारे लगे बम के विस्फोट से एक वाहन में सवार दो लोग घायल हो गए थे और एक वकील की भी गोली मारकर हत्या की गई थी।

सुरक्षा बलों पर बड़ी राशि खर्च रहा अमेरिका
अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए विशेष महानिरीक्षक (एसआईजीएआर) की रिपोर्ट में कहा गया कि अफगानिस्तान में नाटो-समर्थित मिशन के अनुसार, पिछले साल एक अक्तूबर से 31 दिसंबर के बीच 2,586 नागरिक हताहत हुए, जिनमें से 810 लोग मारे गए और 1,776 लोग घायल हुए। बता दें कि अमेरिका अब भी हर वर्ष अफगान सुरक्षा बलों की मदद के लिए चार अरब डॉलर खर्च कर रहा है।

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