एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

इंडियन एयरफोर्स ने अपने सीक्रेट आपरेशन का नाम “बंदर” क्यों रखा था ? -चंद्रकांत मिश्र (एडिटर इन चीफ)

26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में भारतीय वायुसेना की एयर स्ट्राइक एक बड़ा मिशन था. भारतीय वायुसेना ने बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाना बनाया था और इस ऑपरेशन को कोडनेम दिया गया- ‘ऑपरेशन बंदर’. ऑपरेशन के तहत वायु सेना के 12 मिराज फाइटर जेट ने बालाकोट में आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था. दावा किया गया कि इस ऑपरेशन में 250 से 300 आतंकी मारे गए.

रामायण से जोड़ा गया कोडनेम
दरअसल, 14 फरवरी को पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले के जवाब में इस स्ट्राइक को अंजाम दिया गया था. पुलावामा हमले में 40 जवान शहीद हुए थे. वायुसेना के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ऑपरेशन की प्लानिंग को सीक्रेट रखने के लिए यह कोडनेम तय किया गया था. दरअसल, वायु सेना की इस स्ट्राइक को रामायण से जोड़ा गया. जिस तरह राम की सेना के सेनापति हनुमान ने चुपचाप लंका में दाखिल होकर उसे तहस-नहस कर दिया था. वैसे ही बालाकोट में आतंकी ठिकानों का हाल किया गया.

हनुमान के नाम पर रखा था कोडनेम
माना जा रहा है कि हनुमान के नाम पर इस ऑपरेशन का नाम बंदर रखा गया था. जिस तरह हनुमान ने रावण की लंका में घुसकर लंकादहन किया था, वैसे ही भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकी ठिकानों पर बम फोड़े थे. ऑपरेशन बंदर इतना गोपनीय रखा गया कि
पाकिस्तान को उस समय तक इसकी भनक नहीं लगी.

गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए बालाकोट एयरस्ट्राइक का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि भारत ने पहले सर्जिकल स्ट्राइक और फिर पुलवामा आतंकी हमले के बाद एयर स्ट्राइक करके अपने इरादे और क्षमता का परिचय दिया है.
पहले भी सेना को किसी ना किसी खास ऑपरेशन के तहत काम करते हुए देखा गया है। जब भी कोई चुनौती होती है, तो सेना उसे किसी कोडनेम के तहत उस ऑपरेशन को अंजाम देती है और विजय पाने के बाद ही उन ऑपरेशनों को खत्म करती है। तो आइए जानते है, कुछ ऐसे की ऑपरेशनों के बारे में…

ऑपरेशन ऑल आउट
भारतीय सेना ने इस तरह के कई गोपनीय ऑपरेशंस को पहले भी अंजाम दिया है. इसमें ऑपरेशन ऑल आउट, ऑपरेशन सर्प विनाश जैसे ऑपरेशंस शामिल हैं. इन ऑपरेशन में सेना के साथ सीआरपीएफ, बीएफएफ और आईबी साथ मिलकर काम करते रहे हैं. ऑपरेशंस का मकसद लश्‍कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्‍मद, हिजबुल मुजाहिद्दीन और अल-बदर को खत्‍म करना है.

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