सांकेतिक तस्वीर
नई दिल्ली । वर्ष 1994 में इसरो जासूसी कांड में देश की सबसे बड़ी जांच ऐजेंसी CBI ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि इस कांड में दुश्मन देशों की बड़ी साजिश हो सकती है। ऐजेंसी ने यह भी कहा कि इस मामले में विज्ञानी नंबी नारायणन को कथित रूप से केरल पुलिस ने फंसाया था जिसकी वजह से क्रायोजेनिक इंजन को विकसित करने की तकनीक प्रभावित हुई थी जिससे अंतरिक्ष कार्यक्रम कम से कम एक या दो दशक पीछे चला गया था।
बताते चले कि संबंधित वैज्ञानिक को जासूसी की घटना में चार्जशीट करने वाले पुलिस अधिकारियों की जमानत प्रदान करने के केरल हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के राजी होने के बावजूद जांच ऐजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में इन दलीलों का जिक्र किया। फिलहाल देश की सबसे बड़ी अदालत ने इस प्रकरण में नोटिस जारी कर मामले की सुनवाई 29 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है।
उल्लेखनीय है कि केरल हाई कोर्ट ने 13 अगस्त को चार आरोपी पुलिस अधिकारी जिसमें गुजरात के पूर्व डीजीपी आरबी श्रीकुमार,केरल पुलिस के दो पूर्व अधिकारियों एस. विजयन व थंपी एस. दुर्गा दत्ता और सेवानिवृत्त खुफिया अधिकारी पीएस जयप्रकाश को अग्रिम जमानत प्रदान कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट में ऐजेंसी की तरफ से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि अग्रिम जमानत प्रदान करने से घटना की जांच बेपटरी हो सकती है। इस दौरान उन्होंने यह भी बताया कि सीबीआई को अपनी जांच में पता चला है कि कुछ विज्ञानियों को कथित तौर पर प्रताडि़त करने के साथ-साथ इस घटना में संबंधित आरोपी पुलिस अधिकारियों द्वारा फर्जी चार्जशीट के जरिये इन वैज्ञानिकों फंसाया भी गया था।