बोरिस और जेलेंसकी एक बैठक के दौरान (फाईल फोटो)
लंदन/कीव। रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण लड़ाई के दौरान दो दिन पहले जब ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जाॅनसन ने यूक्रेन का दौरा किया तो उसी समय क्रेमलिन सशंकित हो गया था, लेकिन अब जो रिपोर्ट सामने आई है उससे रूस हीं नहीं दुनिया के कई देशों में हड़कंप मचना स्वभाविक है। बता दें कि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रूस और यूक्रेन के युद्ध में तबाह हुए शहर कीव में एक बड़ी बैठक की थी, इस दौरान ब्रिटेन ने अपनी सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी ताकतों में से एक न्यूक्लियर सबमरीन यूक्रेन की सुरक्षा के लिए तैनात करने के आदेश दे दिए हैं। ब्रिटेन के इस फैसले ने सबको चौंकाया हीं नहीं बल्कि हड़कंप हीं मचा दिया है।
बताया जा रहा है कि जिस तरीके से युद्ध प्रभावित देश यूक्रेन के कीव शहर में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने दौरा किया है उससे पूरी दुनिया में बहुत बड़ा संदेश गया है। खुफिया सुरक्षा सूत्रों के मुताबिक जिस तरीके से यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की बैठक हुई है और बैठक में सुरक्षा देने की बातें की गई है, वह यूक्रेन को बहुत मजबूत कर गई। जिस तरह से ब्रिटेन ने यूक्रेन की मदद के लिए अपनी सबसे बड़ी घातक न्यूक्लियर सबमरीन की तैनाती कर दी है,उससे साफ हो गया कि रूस का अब किसी को कोई डर भय नहीं है।
बताते चले कि यूरोपीय यूनियन के देशों के सेना यूक्रेन में तैनात नहीं हो सकी है लेकिन इन देशों ने वित्तीय मदद के साथ साथ हथियार और युद्ध के तमाम सैन्य सामान यूक्रेन को उपलब्ध कराए हैं जिससे वह रूस से लड़ने में बहुत मददगार साबित हो रहे हैं। ब्रिटेन ने ही नहीं बल्कि यूरोप के ज्यादातर देशों ने भारी संख्या में सैन्य उपकरण यूक्रेन को दिए हैं। यही वजह है कि यूक्रेन रूस से लगातार युद्ध में मजबूती के साथ बना हुआ है।
इस दौरान यह भी रिपोर्ट सामने आया है कि यूक्रेन को सिर्फ सैन्य मदद ही दुनिया के देश नहीं दे रहे हैं बल्कि आईएमएफ ने अब तक सबसे बड़ी मदद भी यूक्रेन को दी है। आंकड़ों के मुताबिक आईएमएफ ने यूक्रेन को 10758 करोड़ रुपये की इमरजेंसी फंडिंग देने की घोषणा की है। जबकि यूक्रेन को वर्ल्ड बैंक की ओर से लगभग 23000 करोड़ रुपये की मदद देने का आश्वासन दिया गया है।