(फाईल फोटो)
कीव/मॉस्को। रूस-यूक्रेन के बीच जारी भीषण जंग अब निर्णायक स्थिति में आ गई है,बीते रात से मंगलवार के शाम 7 बजे तक यानि लड़ाई के छटवें दिन लगातार भीषण मिसाइल,घातक बम और हवाई व टैंकों के गोले को पूरा यूक्रेन झेल रहा है,रूस इतना भीषण हमला कर रहा है कि यूक्रेन को तो छोड़ दिजिये,पूरी दुनिया में दहशत सी मच गई है,बता दें कि बेलारूस में सोमवार को दोनों देशों के बीच हुई वार्ता के बेनतीजा होने पर रूस इस समय इतनी आक्रामकता के साथ यूक्रेन पर हमला कर रहा है कि त्राहि त्राहि मच गई है लेकिन वहीं यूक्रेन भी अपने इस महाशक्तिशाली दुश्मन का वार ही नहीं झेल रहा बल्कि पूरी तटस्थता के साथ दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब भी दे रहा है। वहीं इस बीच रूस ने परमाणु ट्रायल की तैयारी भी शुरू कर दी है। खबरों के मुताबिक, यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर 64 किलोमीटर लंबा रूसी सैन्य काफिला बढ़ रहा है। इसकी सैटेलाइट तस्वीरें भी जारी हुई हैं। वहीं संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद में इमरजेंसी डिबेट के पक्ष में 29 वोट पड़े हैं। भारत समेत 13 देशों ने इस वोटिंग में भाग नहीं लिया।
इसी दौरान नाटो प्रमुख ने कहा है कि रूस की धमकियों के बावजूद गठबंधन को अपने परमाणु हथियारों के अलर्ट स्तर को बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है।
तो वहीं जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने भी कहा है कि रूस को यूक्रेन से अपनी सेनाएं तुरंत वापस लेनी चाहिए और इस भीषण रक्तपात को समाप्त करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो मास्को की आक्रामकता का जवाब और प्रतिबंधों से दिया जाएगा।
वहीं,ब्रिटेन की गृह सचिव प्रीति पटेल ने कहा है कि यूक्रेन के एक लाख और शरणार्थी ब्रिटेन आ सकेंगे। पूर्वी यूरोप में युद्ध की वजह से वहां से भाग रहे इन लोगों की मदद करने के लिए दबाव बढ़ने के बाद ब्रिटेन ने यह एलान किया है।
इसी कड़ी में यूक्रेन पर हमले के चलते पश्चिमी देशों की ओर से लगातार प्रतिबंधों का सामना कर रहे रूस को जल्द ही एक और बड़ा झटका लग सकता है। ब्रिटेन ने कहा है कि रूस को लेकर हमारे सामने विकल्पों में उसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से बाहर करना भी है।
वहीं एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार बताया जा रहा है कि
यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की ने फेसबुक पर एक वीडियो संदेश में खारकीव पर रूस के मिसाइल और रॉकेट हमले को युद्ध अपराध और आतंकवाद बताया है। उन्होंने कहा कि रूस के लिए इस समय खारकीव और कीव सबसे महत्वपूर्ण हैं। वह हमारी राजधानी और खारकीव की ओर बढ़ रहे हैं। खारकीव के सेंट्रल स्क्वायर पर रॉकेट हमला एक सीधा और निर्विवाद आतंकवाद है। कोई माफ नहीं करेगा, कोई इसे नहीं भूलेगा। खारकीव पर हमला युद्ध अपराध है।
इधर भारत के केरल राज्य के मुख्यमंत्री पी विजयन ने यूक्रेन में फंसे राज्य के नागरिकों से अनुरोध किया है कि वह भारतीय दूतावास की एडवायजरी का पालन करें। इसमें कहा गया है कि सभी भारतीय किसी भी तरह यूक्रेन की राजधानी कीव से बाहर निकलें।
इस दौरान वलोदिमिर जेलेंस्की ने यूरोपीय संसद के सामने अपने संबोधन में कहा कि मैं कोई स्क्रिप्ट नहीं पढ़ रहा हूं क्योंकि यूक्रेन के लिए स्क्रिप्ट का चरण समाप्त हो चुका है। अब हम जीवन और मौत का सामना कर रहे हैं। हम अपने बच्चों को जीवित देखना चाहते हैं। हम अपनी रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। हम यूरोप का बराबर का सदस्य बनने के लिए लड़ रहे हैं। इसी कड़ी में जेलेंस्की ने आगे भी कहा कि यूरोपीय संसद को हर हालत में यह साबित करना चाहिए कि वह यूक्रेन के साथ है। उन्होंने कहा कि आपके बिना यूक्रेन अकेला पड़ जाएगा। हमने अपनी ताकत साबित की है। हम बिलकुल आप जैसे ही हैं। इसलिए यह साबित करिए कि आप हमारे साथ हैं। साबित करिए कि आप हमें अकेला नहीं छोड़ेंगे। साबित करिए कि आप सच में यूरोपीय हैं और जीवन की मृत्यु पर व प्रकाश की अंधेरे पर जीत होगी।
राष्ट्रपति जेलेंस्की ने यूरोपीय संसद में यह भी कहा कि हम अपने सबसे अच्छे और सबसे मजबूत लोगों को खो रहे हैं। उन्होंने कहा कि यूक्रेन को लोग अपनी मातृभूमि और अपनी स्वतंत्रता के लिए लड़ रहे हैं। हमारे देश और हमारी आजादी में कोई दखल नहीं देगा। हम मजबूत हैं। हम यूक्रेनी हैं। संबोधन पूरा होने के बाद सदस्यों ने खड़े होकर उनका अभिवादन किया।
वहीं रूसी हमले की चपेट में आने से यूक्रेन के खारकीव में एक भारतीय छात्र की भी जान चली गई है,जहाँ इस दौरान पीएम मोदी ने की मृत भारतीय छात्र के पिता से बात की और ढांढस भी बंधाया मृत छात्र की पहचान नवीन जो कि कर्नाटक राज्य के निवासी के रूप में हुई है।
वहीं आज नाटो के प्रमुख जेंस स्टोलटेनबर्ग ने रूस से कहा है कि वह यूक्रेन में युद्ध समाप्त करे अपनी सभी सेनाओं को वापस ले। उन्होंने कहा कि अगर रूस ऐसा करता है तो हम कीव का समर्थन करने के लिए सेना या लड़ाकू विमान नहीं भेजेंगे। क्योंकि,हम इस लड़ाई का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं। उन्होंने पोलैंड के राष्ट्रपति आंद्रेजेज डूडा से मुलाकात के बात कहा कि रूस का हमला पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसमें बेलारूस भी शामिल है।
उधर,यूक्रेन पर हमला शुरू करने के बाद से ही पश्चिमी देश रूस पर लगातार प्रतिबंध लगा रहे हैं। इसे लेकर क्रेमलिन ने कहा है कि पश्चिमी देशों के प्रतिबंध कभी भी यूक्रेन को लेकर रूस की स्थिति को बदलने पर मजबूर नहीं कर पाएंगे। क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा कि मास्को और कीव के बीच सीधा संवाद शुरू हो चुका है, लेकिन दोनों देशों के राष्ट्रपतियों के बीच बातचीत की कोई योजना नहीं है।
इधर,ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा है कि हमारे यूरोपीय महाद्वीप में एक भयानक आपदा की शुरुआत हुई है। पोलैंड की राजधानी वारसा में उन्होंने कहा कि पोलिश सरकार और यहां के लोग शानदार काम कर रहे हैं। मानवीय संकट से निपटने में यह प्रेरणादायी है। पोलैंड यूक्रेन से निकलने की कोशिश कर रहे लोगों को प्रवेश देने वाले देशों में से एक है। यह यूक्रेन के साथ सीमा साझा करता है। जॉनसन ने कहा कि जब से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन पर हमला शुरू किया है तब से ही पश्चिमी देश रूस पर प्रतिबंधों का दबाव बना रहा है।
इसी कड़ी में भारतीय सेना के पूर्व सेना प्रमुख जनरल एनसी विज ने कहा है कि यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को जब तक देश वापस नहीं ले आया जाता है तब तक उन्हें बम शेल्टर के अंदर या अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंचना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक उन्हें निकालने के लिए व्यवस्था नहीं कर ली जाती है जब तक उन्हें सड़कों पर या युद्धग्रस्त इलाकों में बाहर नहीं निकलना चाहिए।
वहीं एक अन्य जानकारी के अनुसार रिपोर्ट सामने आई है कि यूरोपीय संसद रूस के तेल और गैस आयात पर यूरोपीय संघ के व्यापक प्रतिबंधों का आह्वान करने के लिए तैयार है। इसने रूस की अर्थव्यवस्था को रणनीतिक रूप से कमजोर हो रही अर्थव्यवस्था और युद्ध छेड़ने की क्षमता पर केंद्रित और भी सख्त प्रतिबंध लगाने का अनुरोध किया है।
बताते चले कि यूक्रेन में एक भारतीय छात्र की मौत होने के बाद सरकारी सूत्रों ने कहा है कि यूक्रेन से 9000 से ज्यादा नागरिकों को सुरक्षित वापस लाया जा चुका है और वहां फंसे बड़ी संख्या में छात्र अब सुरक्षित इलाकों में हैं। हम अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए अपने प्रयास जारी रखेंगे। सूत्रों ने कहा कि रूस और यूक्रेन ने तुरंत सुरक्षित निकासी की हमारी जरूरत पर उत्तर दिया है। उन स्थानों से हम अपने नागरिकों को निकालने में सफल रहे हैं जहां संघर्ष से गतिविधियों पर खतरा नहीं है।
इसी कड़ी में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने सांसदों से कहा है कि यूक्रेन में फंसे भारतीयों के बारे में जानकारी साझा करने के लिए हमारे कार्यालय से सीधे संपर्क करें। इसके साथ ही उन्होंने ई-मेल आईडी और व्हाट्सएप नंबर भी साझा किए जिन पर सांसद जानकारी साझा कर सकते हैं।
इसी दौरान एक और भी रिपोर्ट सामने आ रही है कि जिसमें बताया जा रहा है कि जर्मनी की वायु सेना ने कहा है जर्मन युद्ध विमान पोलैंड के ऊपर सशस्त्र गश्त कर रहे हैं। वायु सेना ने एक ट्वीट में एक लड़ाकू विमान की तस्वीर साझा करते हुए लिखा ‘पोलैंड के ऊपर आसमान की रक्षा करते हुए’।
वहीं इस लड़ाई के छठे दिन रूसी सेना ने हमले और भी तेज कर दिए हैं। राजधानी कीव को चारों ओर से घेर लिया गया है। इस बीच रूस के दो शहरों में रूस ने मिसाइलों और तोप से हमला कर यूक्रेन की सेना को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। माना जा रहा है कि, कीव में आज रात बहुत बड़ा हमला हो सकता है।
इसी कड़ी में यह भी जानकारी सामने आई है जिसमें कहा जा रहा है कि रूसी मिसाइलों ने खारकीव में बनी एक सरकारी इमारत पर निशाना साधा। जिससे इस हमले में पूरी इमारत नेस्तनाबूद हो गई।
युध्द की भयावहता को देखते हुए यूक्रेन की राजधानी कीव में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए बड़ा अलर्ट जारी किया गया है। यूक्रेन में भारतीय दूतावास की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। जिसमें कहा गया है कि सभी भारतीय आज ही यूक्रेन की राजधानी को हर हाल में छोड़ दें। वे कीव से निकलने के लिए ट्रेन, बस या किसी भी चीज का सहारा लें।
उधर,यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन गंगा में अब वायु सेना भी मदद करेगी। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वायु सेना से भी इस अभियान में जुड़ने के लिए कहा है। इसके तहत वायु सेना के कई C-17 विमान आज ऑपरेशन गंगा के तहत उड़ान शुरू कर सकते हैं।
रूस ने यूक्रेन पर हमले और भी तेज कर दिए हैं। खबरों के मुताबिक, यूक्रेन के ओख्तिरका शहर में रूसी सेना की ओर से जोरदार हमला किया गया है। इस हमले में यूक्रेन के सैन्य बेस को निशाना बनाया गया है, जिसमें 70 से ज्यादा यूक्रेनी सैनिकों की मौत की खबर है।
पिछले छ दिनों से जारी इस भीषण जंग के बारे में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की का कहना है कि, पिछले छ दिनों में रूस ने यूक्रेन में 56 रॉकेट और 113 क्रूज मिसाइलें दागी हैं। उन्होंने कहा कि रूसी मिसाइलों,प्लेन और हेलीकॉप्टर के लिए नो फ्लाई जोन पर विचार करने का वक्त आ गया है।
वहीं सैटेलाइट तस्वीरों में यूक्रेन की राजधानी कीव की ओर करीब 64 किलोमीटर लंबा सैन्य काफिला बढ़ता हुआ दिखाई दिया है। इस काफिले में सेना के ट्रक, बख्तरबंद वाहन, टैंक व सैनिक शामिल हैं। इससे पहले जारी हुई तस्वीरों में काफिले की लंबाई 27 किमी बताई गई थी। गौरतलब है कि, एक दिन पहले रूसी सेना ने आम नागरिकों से कीव छोड़ने को भी कहा था।
कुल मिलाकर स्थिति दिन ब दिन भयावह होती जा रही है,और अभी तक कीव पर कब्जा न होने से रूस एकदम बौखला सा गया है और उसके हमले की तीव्रता देखने से ऐसा लग रहा है कि आने वाले वक्त में और भी भीषण हमला यूक्रेन को झेलना पड़ सकता है लेकिन यूक्रेन भी डंटा हुआ है और रूस को कई मोरचे पर करारा जवाब दे रहा है।