एक्सक्लूसिव रिपोर्ट

रूस के मिलीट्री आॅपरेशन के इन 13 दिनों में अब तक यूक्रेन का कितना हुआ नुकसान ? फिर भी नहीं झुक रहा यूक्रेन – चंद्रकांत मिश्र/हेमंत सिंह


फाईल फोटो, साभार- (सोशल मीडिया)

कीव/मॉस्को। यूक्रेन के खिलाफ रूस द्वारा जारी मिलीट्री आॅपरेशन के 13वें दिन की रिपोर्ट पहले से भी अधिक भयावह हो चली है,इस दौरान रुस की तरफ से पिछले 13 दिनों से लगातार हैवी शैलिंग जारी है जिससे शहर के शहर तबाह हो गए,बताया जा रहा है कि इस आॅपरेशन में अब यूक्रेन के सीविलियन टारगेट हो रहे हैं,इस त्रासदी की भयावह तस्वीरों को देखने के बाद कलेजा कांप जा रहा है,लेकिन फिर भी दोनों पक्ष अभी भी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं,हालांकि दोनों पक्ष अपनी-अपनी जगह सही भी है,लेकिन जो नुकसान हो रहा है उसका भरपाई कोई नहीं कर सकता।

इसी कड़ी में बताते चले कि यूक्रेन का इन 13 दिनों में अब तक कितना नुकसान हुआ है ? जो कि रूस की तरफ से इस नुकसान का आंकड़ा जारी किया गया है, आंकड़े के अनुसार बताया जा रहा है कि रूसी फौज यूक्रेन में अब तक करीब 2500 मिलिट्री ठिकाने को तबाह कर चुकी है। इस दौरान यह भी बताया गया है कि रूस ने अपने सैन्य अभियान की शुरुआत के बाद से यूक्रेन के 2,482 मिलिट्री ठिकानों को तबाह कर दिया है। बड़ी संख्या में सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने के बाद अब रूसी सेना का अगला टारगेट यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट हैं।

इसी कड़ी में रूस के रक्षा मंत्रालय द्वारा यह भी साफ किया गया है कि यूक्रेन के 2,482 सैन्य ठिकानों को ऑपरेशन के ध्वस्त कर दिया गया, जिसमें 87 कमांड पोस्ट और यूक्रेनी सेना के कम्यूनिकेशन सेंटर, 124 एस -300, बुक एम -1 और ओसा वायु रक्षा मिसाइल सिस्टम, 79 रडार स्टेशन शामिल हैं।

वहीं यह भी कहा गया कि यूक्रेन के 866 टैंक, बख्तरबंद गाड़ियां, 91 मल्टीपल रॉकेट लॉन्चर, 317 फील्ड आर्टिलरी पीस और मोर्टार, 634 यूनिट विशेष सैन्य वाहन, 81 मानव रहित हवाई वाहन शामिल हैं। रूसी दावों के अनुसार, रूसी एयरोस्पेस फोर्सेस ने पिछले दिनों यूक्रेन में 158 सैन्य सुविधाओं को नष्ट कर दिया। इसके साथ-साथ दो मिग-29 और एक एसयू-27 जेट, दो एस-300 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम, तीन बुक एम-1 स्व-चालित फायरिंग सिस्टम, चार कमांड पोस्ट, दो रडार स्टेशन को ध्वस्त कर दिया है।

उधर,विशेषज्ञों का मानना है कि रूस अब सीधे तौर पर यूक्रेन की परमाणु सुविधाओं को टारगेट कर रहा है ताकि यूक्रेनी प्रतिरोध को कमजोर किया जा सके,लेकिन इस रणनीति में गंभीर जोखिम है। रूसी सेना पहले ही यूक्रेन के चेर्नोबिल परमाणु सयंत्र पर मिसाइल दागे थे। हालांकि, यह सयंत्र पहले से बंद चल रहा है। इसके अलावा जापोरीज्ज्या में चालू परमाणु रिएक्टरों पर कब्जा कर लिया था। अब उनका अगला टारगे कोन्स्टेंटिनोव्का सयंत्र हो सकता है।

फिलहाल,अभी भी रूस के द्वारा यूक्रेन के खिलाफ मिलीट्री आॅपरेशन लगातार जारी है, बता दें कि रशियन मिलीट्री लीडरशिप इस नुकसान को भले ही अपनी बड़ी उपलब्धि मानते हुए अपनी पीठ थप थपा रही है लेकिन जमीन पर उसे भी दुश्मन की तरफ से भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है जिसे एक असफल अभियान के तौर पर देखा जा सकता है, कारण साफ है कि इतनी बड़ी मिलीट्री पावर अभी भी एक छोटे से देश को काबू में करने के लिए 13 दिन से लगातार संघर्ष कर रहा है फिर भी सफलता दूर है।

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