
नौसेना के युध्दपोतों की फ्लीट (फाईल फोटो)
नई दिल्ली। लद्दाख बार्डर हो या पश्चिम का बार्डर देश के खिलाफ दुश्मन अपने तमाम साजिशों को अंजाम देने की फिराक में लगातार लगा हुआ है ऐसे मे देश की तीनों सेनाओं के साथ-साथ इंटेलीजेंस ऐजेंसियों के साथ-साथ रक्षामंत्रालय भी सक्रियता के साथ आगे है, देश की तीनों सेनाएं जो भी रक्षा संसाधन की मांग कर रही है बेझिझक रक्षा मंत्रालय उनकी आपूर्ति लगातार जारी रखे हुए हैं इसी क्रम में भारतीय नौसेना हिंद महासागर क्षेत्र में अपने बेड़े में एक मिसाइल विध्वंसक और कलवरी श्रेणी की पनडुब्बी को शामिल कर रही है। इस संबंध में नौसेना के उप प्रमुख वाइस एडमिरल सतीश नामदेव घोरमडे ने साफ कर दिया है कि युद्धपोत ‘विशाखापत्तनम’ को 21 नवंबर को नौसेना में शामिल किया जा रहा है,वहीं सबमरीन ‘वेला’ को 25 नवंबर को शामिल किया जाएगा।
एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्तमान में विभिन्न भारतीय पोत कारखानों में 39 नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है, जिनसे भारत की नौसेना की समुद्री क्षमता को काफी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
बताते चले कि युद्धपोत ‘विशाखापत्तनम’ को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा शामिल किया जा रहा है जबकि ‘वेला’सबमरीन को शामिल करते समय मुख्य अतिथि नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह होंगे। कहा जा रहा है कि ‘वेला’ सबमरीन कलवरी श्रेणी की चौथी पनडुब्बी है। ये दोनों मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड में बनाए गए हैं। इन्हें बल में शामिल किये जाने संबंधी कार्यक्रम मुंबई के नौसेना डॉकयार्ड में होंगे।
उल्लेखनीय है कि आजादी के बाद देश के दुश्मनों के साथ भारत का जब भी युध्द हुआ, उन सभी लड़ाइयों में देश की नौसेना ने बहुत अहम भूमिका निभाई है, इस दौरान नौसेना ने आवश्यकतानुसार कई सैन्य आॅपरेशन भी किया और दुश्मन को काफी नुकसान भी पहुंचाया ।
