फाईल फोटो, साभार- (सोशल मीडिया)
कीव/मॉस्को। यूक्रेन के खिलाफ रूस द्वारा जारी लड़ाई के 13वें दिन बेहद हैरान करने वाली रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया जा रहा है कि भारत के तमिलनाडु राज्य के कोयंबटूर का रहने वाला एक लड़का यूक्रेन की सेना में शामिल हो गया है,रिपोर्ट सामने आने के बाद भारतीय ऐजेंसियों की चिंताएं बढ़ गई है,दरअसल,रूस भारत का पुराना दोस्त है और वह हर कदम पर भारत की मदद करते आया है और ऐसे में दोस्त देश के नागरिक उसके खिलाफ लड़ाई करेंगे तो पूरी तरह से बेईमानी होगा।
इस भारतीय नौजवान के बारे में बताया जा रहा है कि वह बहुत पहले भी भारतीय सेना की भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा ले चुका है जहां से वह दो बार वापस कर दिया गया था,चूंकि उसकी हाईट इंडियन आर्मी के मापदंड के अनुरूप नहीं थी।
दरअसल,इस लड़के का नाम सैनिकेश रविचंद्रन है और यह पढ़ाई के सिलसिले 2018 में यूक्रेन गया हुआ था। 21 वर्षीय सैनिकेश खारकीव में नेशनल एयरोस्पेस इंजीनियरिंग का छात्र है। इसी साल जुलाई में उसकी पढ़ाई पूरी होनी थी, लेकिन इससे पहले ही रूस ने यूक्रेन पर हमला कर दिया और उसने वहां की सेना ज्वाइन कर ली। मामले की जांच कर रहे एक इंस्पेक्टर ने कहा कि कुछ दिनों पहले केंद्रीय खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों ने यूक्रेन की सेना में शामिल होने के उसके मकसद को समझने के लिए उसके माता-पिता से पूछताछ की थी।
उन्होंने यह भी कहा कि हम और ज्यादा जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं और हम खुफिया ब्यूरो को एक रिपोर्ट सौंपेंगे। पुलिस रिपोर्ट्स के मुताबिक लड़के के परिवार को मीडिया रिपोर्ट के हवाले से इस बात से अवगत कराया गया था कि उनका बेटा यूक्रेन की ओर से लड़ने के लिए अर्धसैनिक इकाई में शामिल हो गया था और इसकी पुष्टि उन खुफिया अधिकारियों ने की थी जो उनसे मिलने गए थे। परिवार ने खुफिया अधिकारियों को सूचित किया था कि लड़के में हमेशा सेना के प्रति लगाव था।
परिवार ने यह भी बताया कि सेना के लगाव के ही चलते उन्होंने दो बार भारतीय सेना में भी ट्राई किया लेकिन उनकी लंबाई के कारण उन्हें भारतीय सेना ने दो बार खारिज कर दिया था। उनके कमरे की दीवारों पर सैनिकों के फोटो चिपके रहते थे। इतना ही नहीं लड़के ने एक बार अमेरिकी सेना में भी शामिल होने के लिए चेन्नई में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास से भी पूछताछ की थी लेकिन यह भी संभव नहीं हो पाया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस के यूक्रेन पर आक्रमण करने से पहले सैनिकेश यूक्रेन की एक वीडियो गेम डेवलपिंग कंपनी में कार्यरत था,जहां युद्ध छिड़ने के बाद से वह परिवार के संपर्क में नहीं है।
वहीं सूत्रों का कहना है कि इस तरह की लड़ाईयो में भारत सरकार की तरफ से सख्त निषेध है,दरअसल वर्ष 2014 में इराक में प्रतिबंधित आतंकी संगठन ISIS से वहां की धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए भारत में लड़ाकों की भर्ती की जा रही थीं इसी दौरान वर्ष 2015 में केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से उच्च न्यायालय (नई दिल्ली) में एक हलफनामा दाखिल करते हुए देश के बाहरी देशों में भारतीय नागरिकों द्वारा इस तरह की लड़ाइयों में शामिल होने पर सख्त प्रतिबंध होने के बारे में संबंधित अदालत को अवगत कराया गया था।