फाइनल रिपोर्ट

जारी जंग के बीच पुतिन ने ललकारते हुए किया ऐतिहसिक ऐलान, यूक्रेन के कई हिस्सों को घोषित किया रूसी क्षेत्र, मचा हड़कंप – सतीश उपाध्याय/रविशंकर मिश्र


पुतिन, फाईल फोटो, साभार-(सोशल मीडिया)

मॉस्को। अमेरिका और पश्चिमी देशों को चिढ़ाते हुए आखिर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शुक्रवार को ऐतिहसिक ऐलान करते हुए यूक्रेन के कब्जाए गए क्षेत्रों को अपने देश का औपचारिक हिस्सा घोषित कर ही डाला और पूरी दुनिया देखती ही रह गई। बता दे कि क्रेमलिन में आयोजित एक समारोह में पुतिन ने यूक्रेन के चार इलाकों डोनेट्स्क, लुहान्स्क, जापोरिजिया, खेरसॉन को रूसी क्षेत्र घोषित कर दिया। इस दौरान पुतिन ने कहा कि इस क्षेत्र को लोग अब रूस के नागरिक हैं और इनकी सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। इस दौरान पुतिन ने आरोप लगाया कि पश्चिमी देशों ने भारत को लूटा और अब उनकी नजर रूस पर है। उन्होंने कहा कि पश्चिमी देश रूस के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। उन्होंने रूस के पूर्ववर्ती नेताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्होंने अमेरिका के बहकावे में आकर अपनी सामरिक शक्ति को कम किया, जबकि दूसरे देश हमने हथियारों के जखीरे को वैसे ही बनाए रखे। पुतिन ने आरोप लगाया कि नरसंहार का असली आरोपी अमेरिका है, जिसने दुनियाभर के देशों पर झूठे आरोप लगाकर हमले किए और लाखों लोगों को मार डाला।

इस ऐतिहसिक मौके पर व्लादिमीर पुतिन बेहद आक्रामक दीख रहे थे, उन्होंने आगे भी कहा कि पश्चिम देश रूस को उपनिवेश बनाना चाहता है। उन्होंने भारत जैसे देशों को लूटा है। (लेकिन) हमने खुद को कॉलोनी नहीं बनने दिया। पुतिन ने कहा कि रूस सोवियत संघ को फिर से बनाने के लिए प्रयास नहीं कर रहा है। यूएसएसआर अब नहीं है। हम अतीत को वापस नहीं ला सकते हैं और रूस को अब इसकी आवश्यकता नहीं है। हम इसके लिए प्रयास नहीं कर रहे हैं। पुतिन ने पहले दावा किया था कि आखिरी सोवियत नेताओं ने हमारे महान देश को नष्ट कर दिया था। पुतिन ने कहा कि सोवियत संघ के पतन के बाद, पश्चिम ने फैसला किया कि हम सभी को हमेशा के लिए अपने हुक्म को स्वीकार करना होगा। 1991 में, पश्चिम रूस पर भरोसा कर रहा था कि वह झटके से उबर न पाए सामना करना पड़ा और अपने आप अलग हो गया। यह लगभग बदल गया, हम 90 के दशक, भयानक 90 के दशक को याद करते हैं, जो भूख, ठंड और निराशा से भरा था। लेकिन रूस दृढ़ रहा, पुनर्जीवित हुआ, मजबूत हुआ और फिर से दुनिया में अपनी सही जगह ले ली।

इतना ही नहीं पुतिन ने आगे भी कहा कि डोनबास के लोगों ने आठ साल तक नरसंहार, गोलाबारी और नाकाबंदी का सामना किया है। खेरसॉन और ज़ापोरोज़े में अधिकारियों ने रूस और रूस की हर चीज के प्रति घृणा फैलाने का प्रयास किया। जब जनमत संग्रह हो रहे थे तो कीव ने चुनाव आयोगों में काम करने वाली महिला स्कूली शिक्षकों को निशाना बनाने और जनमत संग्रह में भाग लेने वाले लाखों लोगों के खिलाफ दमन की धमकी दी। पुतिन ने कहा कि मैं चाहता हूं कि कीव के अधिकारियों और पश्चिम में उनके वास्तविक आकाओं सहित हर कोई मेरी बात सुने और याद रखे कि ये लोग हमेशा के लिए हमारे नागरिक बन रहे हैं। हम कीव शासन से तत्काल संघर्ष विराम, सभी शत्रुताओं को समाप्त करने का आह्वान करते हैं। हम इसके लिए तैयार हैं।

पुतिन के इस ऐतिहसिक ऐलान ने अमेरिका और पश्चिमी देशों के चूल्हे हिलाकर रख दिया है। इस सात महिने की जंग ने बहुत कुछ अनुभव किया है, हालांकि अब पुतिन इस जंग को यही पर रोकना चाहते हैं लेकिन अमेरिका और नाटों अब आगे क्या निर्णय लेते हैं ? यह तो आने वाला वक्त हीं बता सकता। फिलहाल, पहले की तरह प्रोपैगैंडा अभी भी जारी है जिसमें परमाणु हमला भी शामिल है।

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