इन्वेस्टिगेटिव रिपोर्ट

अमेरिकी खुफिया ऐजेंसी के हवाले से चीन की एक और हरकत की रिपोर्ट आई सामने, अरब देश में व्यापार के बहाने सैन्य अड्डा बनाने के फिराक में चीन – हेमंत सिंह (स्पेशल एडिटर)


चीनी युध्दपोत (फाईल फोटो)

वाशिंग्टन। अमेरिका के एक अखबार ने अमेरिकी खुफिया ऐजेंसी के हवाले से रिपोर्ट किया है कि चीन संयुक्त अरब अमीरात में एक सीक्रेट सैन्य अड्डा बना रहा है जिसे लेकर अमेरिका की चिंता बढ़ गई हैं। इसलिए अमेरिका अब यूएई पर दबाव बना रहा है कि अबू धाबी के पास चीनी बंदरगाह परियोजना पर निर्माण कार्य को तत्काल रोका जाये। अमेरिकी अखबार ने शुक्रवार को अमेरिकी ऐजेंसी के हवाले से इसका खुलासा करते हुए रिपोर्ट किया है कि CIA ने चीन द्वारा खलीफा पोर्ट पर एक बड़ी बिल्डिंग के निर्माण के लिए एक विशालकाय गड्डे के खोदे जाने का पता लगाया है।

रिपोर्ट में जिस लोकेशन का जिक्र किया गया है दरअसल यह जगह अबू धाबी के उत्तर में 80 किमी की दूरी पर स्थित है जहां चीन के COSCO शिपिंग समूह ने एक बड़ा कमर्शियल कंटेनर टर्मिनल बनाया है जिसका संचालन इस समय जारी है। रिपोर्ट में साफ किया गया है कि इस साल की शुरुआत में जांच से बचने के लिए इस साइट को कवर किया गया था। अब अमेरिका को चिन्ता है कि चीन व्यापार और वैक्सीन कूटनीति के माध्यम से तेल संपन्न देश UAE में सैन्य उपस्थिति स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।

फिलहाल इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अमेरिका में प्रशासनिक महकमों में हलचल बढ़ गई है,साथ ही अमेरिका ने चेतावनी जारी कर दी है कि चीन की सैन्य उपस्थिति दो पुराने सहयोगियों के बीच संबंधों को खतरे में डाल सकती है।

उधर एक अन्य रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि UAE सरकार चीन की इस हरकत से पूरी तरह से अनजान है। फिलहाल वाशिंगटन में संयुक्त अरब अमीरात दूतावास ने साफ कर दिया है कि’चीनी सैन्य अड्डे या किसी तरह की चौकी की मेजबानी करने के लिए UAE सरकार ने न ही कोई समझौता किया है और न ही इस तरह की योजना या वार्ता की है, और न ही उसका ऐसा कोई इरादा है।’

वहीं अमेरिका में चीनी दूतावास इस घटना पर चुप्पी साधे हुए हैं। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मई और अगस्त में अबू धाबी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन जायद के साथ बातचीत के दौरान देश में चीन की बढ़ती उपस्थिति के बारे में चिंता व्यक्त कर चुके थे।

गौरतलब है कि चीन खाड़ी देशों के बीच अपनी पहुंच को अत्यधिक मजबूत करने के मिशन में जुटा हुआ है। इस दौरान चीन मिस्र और सऊदी अरब में अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने और ईरान के साथ संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ क्षेत्र के लगभग हर देश के लिए एक बड़ा भागीदार की भूमिका निभा रहा है।

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