सांकेतिक तस्वीर।
तिरुवनन्तपुरम। केरल पुलिस के एक अधिकारी को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) से साथ रखने का रिपोर्ट सामने आया है, इस आरोपी पुलिस अधिकारी के मोबाइल में संगठन के कई सदस्यों का मोबाइल नंबर पाया गया है। इतना ही नहीं यह पुलिस अधिकारी हाल ही में PFI के खिलाफ जारी छापेमारी के दौरान विरोध कर रहे कई समर्थकों की मदद भी किया था। हालांकि,अब इस पुलिस अधिकारी को सस्पेंड कर दिया गया है। इसी कड़ी में केंद्रीय ऐजेंसी ने केरल पुलिस चीफ को एक रिपोर्ट सौंपते हुए यह सनसनीखेज खुलासा किया है कि राज्य पुलिस के सैकड़ों से अधिक स्टाफ PFI से गहरे संबंध रखते हैं।
बता दे कि पोथानिक्कड़ पुलिस स्टेशन के प्रभारी ने आरोपी पुलिस अधिकारी “सियाद” के बारे में बताया है कि यह काफी समय से PFI के लोगों के संपर्क में था। सियाद का एक रिश्तेदार भी प्रतिबंधित संगठन का सदस्य है। लेकिन अब इस मामले में आगे की और जांच की जाएगी। जहां डीसीपी रैंक के अधिकारी जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट 14 दिनों के भीतर विभाग को सौपेंगे।
चूंकि,हाल ही में NIA की छापेमारी के दौरान पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) ने केरल बंद बुलाया था। जहां इस दौरान संगठन के कार्यकर्ता हिंसक हो गए थे। कई लोगों को हिरासत में लिया गया था। लेकिन सीपीओ सियाद ने हिरासत में लिए जाने के बाद 3 पीएफआई कार्यकर्ताओं की मदद की थी। उनके लिए स्टेशन के अंदर खाने-पीने का भी इंतजाम किया था। वही पुलिस के वरिष्ठ सूत्रों का कहना है कि इस आरोपी पुलिस अधिकारी का काल डिटेल रिपोर्ट (CDR) में पुख्ता सबूत मिला है जिससे यह साबित होता है कि इसका बहुत ही अच्छा संबंध है PFI से।
बताते चले कि इससे पहले पिछले फरवरी में, थोडुपुझा में करीमन्नूर पुलिस स्टेशन से जुड़े एक सिविल पुलिस अधिकारी को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के नेताओं की जानकारी PFI को लीक करने के लिए सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था। इसी तरह के मामले में मुन्नार थाने में भी एक SI समेत तीन पुलिसकर्मियों का तबादला कर दिया गया था।
वहीं,PFI के खिलाफ जांच व छापेमारी कर रही नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने केरल पुलिस चीफ को एक रिपोर्ट सौंपी है,जिसमें इस बात का खुलासा हुआ कि राज्य पुलिस के करीब हजारों स्टाफ PFI से गहरे संबंध रखते हैं। बताया जा रहा है कि अब राज्य के सब-इंस्पेक्टर (SI) और स्टेशन हेड ऑफिसर (SHO) रैंक के अधिकारी और सिविल पुलिस कर्मी केंद्रीय एजेंसियों की जांच के दायरे में हैं। इन अफसरों के बैंक अकाउंट्स और पैसे के लेन-देन का ब्योरा भी जुटाया जा रहा है। क्योंकि, NIA की लिस्ट में राज्य पुलिस के स्पेशल ब्रांच, इंटेलिजेंस, लॉ और ऑर्डर विंग से संबंधित कर्मी और केरल पुलिस के अधिकारियों के ऑफिस में काम करने वाले कर्मचारी भी शामिल हैं। आरोप है कि इन लोगों ने पुलिस की ओर से की गई छापेमारी के बारे में व कई अन्य गोपनीय जानकारियां लीक की हैं।
गौरतलब है कि NIA, ED और राज्यों की पुलिस ने बीते 22 और 27 सितंबर को PFI और उससे जुड़े संगठनों पर ताबड़तोड़ छापेमारी की थी। जहां इस 2 दिन के भीतर 278 गिरफ्तारियां हुईं। जांच एजेंसियों को PFI के खिलाफ पर्याप्त सबूत मिले। इसके बाद यह कार्रवाई की गई। हालांकि, इस दौरान कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन भी किए गए। जिनमें सबसे ज्यादा प्रदर्शन केरल राज्य में हुआ। मालूम हो कि साल 2006 में मनिथा नीति पसाराई (MNP) और नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) नामक संगठन ने मिलकर पॉपुलर फ्रंट इंडिया (PFI) का गठन किया था। ये संगठन शुरुआत में दक्षिण भारत के राज्यों में ही सक्रिय था, लेकिन अब UP-बिहार समेत 23 राज्यों में फैल चुका है। जहां इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय के विशेष निर्देश पर केंद्रीय जांच ऐजेंसी (NIA) एक स्पेशल ऑपरेशन के तहत बीते सप्ताह पूर्व देश के कई राज्यों में PFI के खिलाफ जबरदस्त छापेमारी करते हुए कई बड़े खुलासा किया।